मलिहाबाद में हुए तिहरे हत्याकांड में अंतिम संस्कार के समय उमड़ा जन सैलाब

नम आंखों के साथ जुबा पर बस एक ही बात, इन हत्यारो का कर दो इनकाउंटर

निष्पक्ष प्रतिदिन/मलिहाबाद,लखनऊ।

शुक्रवार दिन में करीब 3:30 बजे गोलियों की तड़तड़ाहट मलिहाबाद थाना क्षेत्र के मोहम्मद नगर, रहमतनगर में गूंज उठी थी। दो हत्यारो ने गोली मारकर मां बेटे सहित तीन को मौत के घाट उतार दिया था। घटना का निरीक्षण लखनऊ पुलिस कमिश्नर एसबी शिरोडकर सहित आला अधिकारियों ने किया था और जल्द ही हत्यारों को गिरफ्तार करने का परिजनों को आश्वासन भी दिया था। 24 घंटे बीत जाने के बाद भी अभी तक हत्यारे पुलिस के हाथ में नहीं लगे हैं। जबकि पुलिस ने कई टीमें अपराधियों को पकड़ने में लगाई हैं। पोस्टमार्टम के बाद शनिवार को जब तीनों शव गांव पहुंचे तो सभी की आंखें नम हो गई। मौके पर भारी तादात में जन सैलाब उमड़ पड़ा। एक साथ जब तीन जनाजे उठे तो परिजनों की जुबान पर बस एक ही बात थी कि इन हत्यारो का एनकाउंटर कर दिया जाए ताकि इस तरह से किसी का परिवार ना उजड़े।

शुक्रवार को मलिहाबाद थाना क्षेत्र के मोहम्मद नगर रहमतनगर में जमीनी विवाद में मुनीर उर्फ ताज 50 वर्ष, फरहीन खान 38 वर्ष, वह फरहीन का बेटा हंजला खान 16 वर्ष की दो हत्यारो परिवार के ही लल्लन उर्फ गब्बर वा उसके बेटे फराज ने घर में घुसकर लाइसेंसी राइफल से गोली मारकर दिनदहाड़े हत्या कर दी थी। आरोपी हत्या कर मौके से फरार हो गए थे। गोलियों की तड़तड़ाहट सुनकर आसपास पड़ोस के लोगो की भीड़ जब मौके पर इकट्ठा हुई तो इसकी भनक पुलिस को लगी। घटना की जानकारी मिलते ही मलिहाबाद थाना सहित आसपास के कई थानों का पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। आला अधिकारियों को जब इस मामले की जानकारी हुई तो घटना का निरीक्षण करते हुए परिजनों से पूछताछ की। पूछताछ में पता चला कि लल्लन खान का जमीन का विवाद तैयब खान से था। लल्लन खान ने इन तीनों की हत्या उनके विपक्षी की जमीन में पैरवी करने के सक की वजह से की है। तीन लोगों की हत्या के बाद पुलिस ने उनके शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। शनिवार को तीनों शव दो गाड़ियों से जैसे ही गांव पहुंचे तो लोगों का जन सैलाब उमड़ पाड़ा। हजारों की तादाद में लोग इस घटना की निंदा कर रहे थे। वही रोते बिलखते परिजनों की जुबा पर जनाजा उठने के दौरान बस एक ही बात थी कि इन हत्यारो ने बड़ी ही बेरहमी से बिना किसी बात के मां बेटे सहित तीन लोगों की हत्या कर दी है जिनका एनकाउंटर कर दिया जाए ताकि ऐसी घटनाएं आने वाले समय में ना हो और इस तरह से किसी का परिवार न उजड़े।

आखिर लेखपाल को क्यों बचा रहे अफसर

मामला जमीन की पैमाइश और कबजेदारी से जुड़ा था। जानकारी परिजनों ने दी थी कि मौके पर मीठे नगर में जमीन की पैमाइश करने क्षेत्रीय लेखपाल गया था। वहीं पर विवाद होने लगा इसके बाद पैमाइश भी पूरी नहीं हो पाई और लेखपाल वहां से भाग निकला। जबकि जमीन की पैमाइश में सक्षम अधिकारी सहित विवादित भूमि की पैमाइश के मामले में पुलिस को जानकारी देनी होती है लेकिन फिर भी लेखपाल ने ऐसा नहीं किया। अगर शुक्रवार को लेखपाल मौके पर जमीन की पैमाइश करने नहीं जाता तो शायद लल्लन उर्फ गब्बर आग बबूला न होता और इन लोगों के घर में तीन लोगों की गोली मारकर हत्या न होती। इतनी बड़ी वारदात के बाद भी अभी तक लेखपाल के विरुद्ध किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई है जिससे लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।

पुलिस को भी गब्बर का था खौफ इसलिए बन गया गब्बर का शस्त्र लाइसेंस

निष्पक्ष प्रतिदिन/मलिहाबाद,लखनऊ।

गब्बर का खौफ मलिहाबाद इलाके में ही नहीं पुलिस को भी था। लल्लन उर्फ गब्बर हिस्ट्री सीटर था कई थानों में उसके खिलाफ एक दर्जन से अधिक मुकदमे भी दर्ज हैं। लेकिन गब्बर के खौफ की वजह से अपराधी होने के बाद भी उसका शस्त्र लाइसेंस बन गया। जिस राइफल से लल्लन उर्फ गब्बर व उसका बेटा फ़राज़ तीन लोगों की गोली मारकर हत्या किया है वह राइफल लाइसेंसी है। हालांकि पुलिस कमिश्नर लखनऊ एसबी शिरडकर और जिलाधिकारी लखनऊ सूर्यपाल गंगवार ने लाइसेंस को रद्द करने की बात कही है। पुलिस का कहना है कि शस्त्र लाइसेंस सन 2010 में बना था लेकिन पुलिस को लल्लन उर्फ गब्बर के अपराधी होने की जानकारी नहीं थी इसलिए अपराधी के शस्त्र नवीनीकरण में आख्या लगा दी गई थी। जब की जानकारी के मुताबिक लल्लन उर्फ गब्बर के विरुद्ध जितने भी मुकदमे दर्ज हुए हैं वह सन 2000 पहले के हैं। यह एक बड़ा सवाल है कि आपराधिक मुकदमे होने के बाद भी आखिरकार लल्लन का शस्त्र लाइसेंस कैसे बन गया। लल्लन उर्फ गब्बर ने तमाम जीव और पक्षियों की भी हत्या की है। लोग बताते हैं कि लल्लन उर्फ गब्बर शिकार करने का शौकीन है। वह अक्सर जंगलों और गांव के बाहर जाकर अपनी राइफल से तमाम पशु पक्षियों की हत्या भी कर चुका है है।

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