गोपेश्वर । जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में राजस्व स्टाफ की मासिक समीक्षा बैठक ली। उन्होंने बैठक में क्रमवार राजस्व पुलिस, रेगुलर पुलिस, खनन, परिवहन, आबकारी विभाग, राजस्व वसूली, विवादित वाद आदि के तहत की गई कार्रवाई एवं उपलब्धि की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने तहसील स्तर आयोजित कोर्ट, दायर वाद, निस्तारित वाद की जानकारी लेते हुए नियमित कोर्ट लगाने और लंबित वादों को प्राथमिकता पर निस्तारित करने के निर्देश सभी एसडीएम एवं तहसीलदारों को दिए। उन्होंने कहा कि विविध देयकों में प्राथमिकता पर वसूली करते हुए निर्धारित लक्ष्य हासिल किया जाए। तहसीलों के आवासीय भवनों के निर्माण में तेजी लाई जाए और इसकी वित्तीय एवं भौतिक प्रगति रिपोर्ट प्रत्येक 15 दिनों में उपलब्ध की जाए। खतौनी पुनरीक्षण कार्य को शीघ्र पूरा किया जाए। भूमि रिकॉर्ड संबंधी डेटा शीघ्र पोर्टल पर अपलोड किया जाए। हेलीपैड निर्माण के लिए स्थल चयन, एरियल सर्वे, भूमि हस्तांतरण संबधी कार्रवाई में तेजी लाई जाए। सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत सभी प्रकार के प्रमाण पत्रों का निर्धारित अवधि में निर्गत करना सुनिश्चित किया जाए। अपणु स्कूल अपणो प्रमाण पत्र के तहत भी जनपद में 11वीं कक्षा के शत प्रतिशत छात्रों के प्रमाण पत्र बनाए जाए।
खनन से प्राप्त राजस्व की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने अवैध खनन रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने, खनन मामलों में जारी नोटिस के सापेक्ष राजस्व वसूली करने तथा खनन से राजस्व प्राप्ति के लिए निर्धारित लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए। जिला आबकारी अधिकारी को अवैध शराब बिक्री की रोकथाम के प्रभावी कार्रवाई करने को कहा। परिवहन अधिकारी को निर्देशित किया कि ओवर स्पीड, ओवल लोडिंग, नशा करके वाहन का संचालन आदि अभियोग में पुलिस और राजस्व अधिकारियों के साथ संयुक्त चेकिंग करके चालान में प्रगति लाना सुनिश्चित करें।
इस दौरान बताया गया कि नियमित पुलिस के अन्तर्गत 694 तथा राजस्व पुलिस के अन्तर्गत 481 ग्राम है। नियमित पुलिस क्षेत्रान्तर्गत माह जनवरी तक लंबित विवेचनाधीन 77 मामले दर्ज हैं। राजस्व क्षेत्रों में दर्ज दो मामले नियमित पुलिस को हस्तांतरित किए गए है। नागरिक पुलिस क्षेत्रान्तर्गत इस वर्ष हत्या, डकैती, बलात्कार आदि मामलों में 10 अपराध दर्ज हुए है। जिला एवं सत्र न्यायालय में लंबित 160 वादों में से तीन निस्तारित किए गए है। जबकि अधीनस्थ न्यायालयों में दर्ज 354 में से 41 केस निस्तारित किए गए है। तहसील स्तर पर 313 राजस्व वादों में से 151 का निस्तारण कर लिया गया है। मुख्य देयक तथा विविध देयकों में 86 प्रतिशत वसूली की गई है।