जिला/शहर कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा

आजमगढ़- कानून मंत्रालय द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में दुर्भावनापूर्ण बदलाव कर सविंधान की प्रस्तावना की प्रति बांटे जाने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए जिला/शहर कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग आजमगढ़ ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। इस दौरान कांग्रेसजनो डीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और संविधान की प्रस्तावना से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न किए जाने की मांग किया।

जिलाध्यक्ष नदीम खान ने कहाकि देश के संविधान में प्रस्तावना को भारतीय संविधान का हृदय और आत्मा माना जाता है। इसकी मूल संरचना में बदलाव नहीं किया जा सकता है लेकिन दुर्भाग्य है कि केंद्र सरकार के कानूनमंत्री द्वारा वर्तमान में सोशलिस्ट और सेक्युलर समाजवादी और पंथ-निरपेक्ष’ जैसे शब्दों से कतरा रहे है ंजबकि यह शब्द अनेकता में एकता का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि 19 सितंबर 2023 को नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह के दौरान कानून मंत्रालय द्वारा सविंधान की प्रस्तावना की ऐसी ही प्रति दुर्भावनापूर्ण वितरित की गई जिसमें सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्द नही थे। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का कृत्य संविधान विरोधी है कांग्रेस इसकी पूरजोर विरोध करती है।

कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष बेलाल अहमद बेग ने कहाकि बीते 2008 में कोलकाता के एक एनजीओ गुड गवर्नेंस फाउंडेशन ने प्रस्तावना से समाजवादी शब्द को हटाने से जुड़ी एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। नजम शमीम ने कहाकि साल 2015 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने विज्ञापन में संविधान की प्रस्तावना की जगह ऐसी प्रति का इस्तेमाल किया था, जिसमें सोशलिस्ट और सेक्युलर समाजवादी और पंथ-निरपेक्ष’ शब्द नहीं थे। जिस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कांग्रेसजनों ने राष्ट्रपति को पत्रक भेजकर राष्ट्रपति से अपनी शक्तियों का प्रयोग करने की गुजराशि करते हुए अविलम्ब आवश्यक हस्तक्षेप कर संविधान की सुरक्षा का भरोसा देश को दिलाएं जाने की मांग किया।

इस अवसर पर नजम शमीम, अंसार अहमद, मिर्जा अहमद, मो आमिर, अजीत राय, तेजबहादुर, मो अजमल, सलमान, अब्दुल हलीम, नीलू खान, गणेश सुरेन्द्र सिंह, प्रदीप यादव, राफे सोहराब, राजाराम यादव, बृजपांडेय, विरेन्द्र चौहान,आदि मौजूद रहे।

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