मैगी नूडल्स में सीसा का विवाद, 9 साल बाद सरकार को लगा बड़ा झटका

नई दिल्ली। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) ने एफएमसीजी कंपनी नेस्ले इंडिया लिमिटेड को बड़ी राहत दी है। एनसीडीआरसी ने ‘मैगी नूडल्स’ मामले में दैनिक उपभोग सामान बनाने वाली कंपनी नेस्ले से 640 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगने वाली सरकार की याचिका खारिज कर दी है।

कंपनी ने गुरुवार को रेगलुरेटरी फाइलिंग में दी जानकारी में बताया कि एनसीडीआरसी ने ‘मैगी नूडल्स’ मामले में .नेस्ले इंडिया लिमिटेड से 640 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगने वाली सरकार की याचिका खारिज कर दिया है। कंपनी के मुताबिक एनसीडीआरसी ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की तरफ से दायर दो याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें 284.55 करोड़ रुपये के मुआवजे और 355.41 करोड़ रुपये कुल (639.96 करोड़ रुपये) के दंडात्मक हर्जाने की मांग की गई थी।

नेस्ले इंडिया ने उपभोक्ता आयोग से मिली राहत की शेयर बाजारों को दी जानकारी में कहा कि शीर्ष उपभोक्ता शिकायत निपटान संस्था एनसीडीआरसी ने सरकार की मांग को 2, अप्रैल, 2024 को खारिज कर दिया था, जिसकी कॉपी कंपनी को 3 अप्रैल को मिली। केंद्र सरकार ने मैगी नूडल्स मामले में पहली बार उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12-1-डी के तहत कार्रवाई की थी। कंपनी को तब 38,000 टन मैगी नूडल्स को वापस मंगाना और नष्ट करना पड़ा था।

उल्लेखनीय है कि नेस्ले के लोकप्रिय नूडल्स उत्पाद मैगी पर जून, 2015 में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने कथित तौर पर स्वीकार्य सीमा से अधिक सीसा होने पर प्रतिबंधित कर दिया था। उसके बाद सरकार ने एनसीडीआरसी का रुख किया, जिससे नेस्ले को बाजार से अपना उत्पाद वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था। हालांकि, पांच महीने बाद ही मैगी नवंबर, 2015 में भारतीय बाजार में दोबारा आ गई थी।

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