भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस में आंतरिक सुरक्षा और सोशल मीडिया की चुनौतियां पर हुई चर्चा

देहरादून । उत्तराखंड में पुलिस साइंस कांग्रेस के दूसरे दिन रविवार को आंतरिक सुरक्षा और सोशल मीडिया की चुनौतियां और उससे सुरक्षात्मक रणनीति पर व्याख्यान दिया।

रविवार को प्रदेश के वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) में 49वीं अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस को दिवसीय सम्मेलन के छठे सत्र में विशेष निदेशक आईबी ने कानून एवं शान्ति व्यवस्था प्रभावित करने वाले प्रदर्शनों पर सोशल मीडिया का प्रभाव और पुलिस के लिए चुनौतियों पर प्रस्तुतिकरण दिया।

उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्वों की ओर से अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग किया जाता है। आतंकवादियों की भर्ती के लिए सोशल मीडिया के चैट रूम्स का उपयोग किया जा रहा है। देश की आंतरिक सुरक्षा को प्रभावित करने और विदेश ताकतों की ओर से अपने हितों के लिए निर्धारित एजेंडा फैलाने के लिए भी सोशल मीडिया को माध्यम बनाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि चुनौतियों से लड़ने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से सकारात्मक संदेशों का प्रसारण,पुलिस के स्तर पर तथ्य की जांच व युनिट्स की स्थापना, सोशल मीडिया ग्रुपों में सतर्क दृष्टि रखते हुए सक्रिय रहना और सोशल मीडिया पर असामाजिक तत्वों पर अवरोधन नियम का पालन करने के लिए आईटी एक्ट प्रावधानों के तहत नोडल अधिकारी नियुक्ति की जाए।

संदीप चौधरी, आईपीएस, एसएसपी, साइबर अपराध जांच उत्कृष्टता केंद्र, जम्मू-कश्मीर ने सीबीआरएन (रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल, परमाणु) को खतरा बताते हुए इसकी गंभीरता और परिणामों के बारे में जानकारी दी। साथ ही कहा कि इस विषय पर पूर्व से तैयारी करना आवश्यक है। उन्होंने सीबीआरएन खतरा के विभिन्न आयामों एवं उनसे निपटने के लिए राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय नियमों के बारे में विस्तार से बताया।

स्विकर लामा, सहायक प्रोफेसर, एनएफएसयू, गांधीनगर ने मनोविज्ञान और पुलिस को समझने व प्रभावी कदम उठाने पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने भीड़ की सामाजिक पहचान, प्रबन्धन में पुलिस की भूमिका, प्रभावी वार्तालाप, सॉफ्ट स्पोकन, भीड़ नेतृत्वकर्ता की पहचान एवं उसको प्रभाव में लेना, भीड़ की सोशल डेमोग्राफी एवं सोशल मीडिया की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला।

इससे पूर्व पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार ने समस्त डेलिगेट्स के साथ पुलिस टेक एग्जीबिशन का भ्रमण किया। उन्होंने मेक इन इंडिया योजना के तहत उच्च व स्वदेशी तकनीक से निर्मित स्मार्ट वेपन्स एवं अन्य उपकरणों को पुलिस आधुनिकरण में सम्मिलित करने पर जोर दिया।

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