स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने सभी मेडिकल कालेजों व एसोसिएशनों के डाक्टरों से किया आग्रह

नई दिल्ली। लोगों में एंटीबायोटिक के घटते असर से चिंतित सरकार ने सभी मेडिकल कालेजों और मेडिकल एसोसिएशनों के डाक्टरों से आग्रह किया है कि वे एंटीबायोटिक्स लिखने के लक्षण या कारण या औचित्य लिखना अनिवार्य बनाएं। साथ ही सभी फार्मासिस्टों से औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमों की अनुसूची ‘एच’ व ‘एच1’ को सख्ती से लागू करने और एंटीबायोटिक दवाओं की ओवर-द-काउंटर बिक्री बंद करने एवं उन्हें सिर्फ डाक्टर के पर्चे पर ही बेचने की अपील की है।

डा. अतुल गोयल ने क्या कहा?

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डा. अतुल गोयल ने एक जनवरी को लिखे एक पत्र में कहा कि रोगाणुरोधी दवाओं का दुरुपयोग और अति-प्रयोग दवा प्रतिरोधी रोगजनकों के विकास के मुख्य कारकों में से एक है। उन्होंने कहा कि कुछ नए एंटीबायोटिक्स के अनुसंधान और विकास के दौर में होने के साथ ही एंटीबायोटिक का विवेकपूर्ण उपयोग प्रतिरोध के विकास में देरी का एकमात्र विकल्प है।

2019 में 12.7 लाख वैश्विक मौतों के लिए बैक्टीरियल एएमआर जिम्मेदार

सभी मेडिकल कालेजों और मेडिकल एसोसिएशनों के सभी डाक्टरों को लिखे पत्र में कहा गया है कि रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) मानवता के सामने शीर्ष वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों में से एक है। अनुमान लगाया गया है कि 2019 में 12.7 लाख वैश्विक मौतों के लिए बैक्टीरियल एएमआर सीधे तौर पर जिम्मेदार था और 49.5 लाख मौतें दवा प्रतिरोधी संक्रमण से जुड़ी हुई थीं। एएमआर प्रतिरोधी रोगाणुओं के कारण होने वाले संक्रमण की प्रभावी रोकथाम व उपचार को खतरे में डालता है, जिसके कारण लंबी बीमारी होती है और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।

उपचार में विफलताओं के कारण लंबे समय तक संक्रमण बना रहता है और दूसरी पंक्ति की दवाओं की अत्यधिक उच्च लागत के कारण कई व्यक्तियों में इन बीमारियों का इलाज करना कठिन हो सकता है। सभी फार्मासिस्ट एसोसिएशंस को लिखे पत्र में डा. गोयल ने कहा कि औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 के तहत एंटीबायोटिक दवाओं को अनुसूची ‘एच’ के तहत निर्दिष्ट दवाओं की सूची में शामिल किया गया है, जिन्हें सिर्फ एक पंजीकृत डाक्टर के नुस्खे पर बेचा जाना आवश्यक है।

एच1′ दवाओं की सूची में शामिल हैं कुछ उच्च गुणवत्ता वाले एंटीबायोटिक्स

कुछ उच्च गुणवत्ता वाले एंटीबायोटिक्स ‘एच1’ दवाओं की सूची में शामिल हैं। पत्र में कहा गया है कि देश के सभी फार्मासिस्टों से तत्काल अपील है कि वे औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमों की अनुसूची ‘एच’ एवं ‘एच1’ को सख्ती से लागू करें, एंटीबायोटिक दवाओं की काउंटर बिक्री बंद करें और उन्हें केवल डाक्टर के पर्चे पर ही बेचें।

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