कोलकाता। दीपा करमाकर ने अपने करियर में समान रूप से गौरव और पीड़ा देखी है लेकिन इस स्टार भारतीय जिम्नास्ट ने सोमवार को कहा कि वह अभी पेरिस ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने के अपने सपने को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं और शायद पदक के साथ वापसी करेंगी। रियो ओलंपिक 2016 में चौथे स्थान पर रहकर इतिहास रचने वाली दीपा ने तब से अधिक मुश्किल हालात का सामना किया है। दीपा को घुटने की दो एसीएल सर्जरी का सामना करना पड़ा जिसके लिए लिगामेंट प्रत्यारोपण अनिवार्य था और डोप परीक्षण में विफल होने के कारण उन पर 21 महीने का प्रतिबंध लगा लेकिन अब वह वापसी की राह पर हैं।
दीपा ने ‘टेक्नो ओलंपिया नाइट्स’ के समापन समारोह के दौरान कहा, मैं अब पूरी तरह से फिट हूं। मैंने (प्रोडुनोवा) वॉल्ट चोट की संभावना को जानने के बावजूद किया। उन्होंने कहा, लेकिन मैं अपना शत प्रतिशत दे रही हूं और अपने कोच (बिश्वेश्वर नंदी) के मार्गदर्शन में काफी कड़ी मेहनत कर रही हूं ताकि मैं इससे उबर सकूं और एक पदक जीत सकूं, उसके बाद ही मैं जिम्नास्टिक से संन्यास लूंगी। अक्टूबर में बेल्जियम में विश्व चैंपियनशिप से चूकने के बाद दीपा की पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई करने की राह कठिन है लेकिन वह सकारात्मक रहना चाहती हैं और अपने प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करना चाहती हैं।उन्होंने कहा, ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना अब बहुत कठिन है। मैं प्रशिक्षण में अपना सर्वश्रेष्ठ दे रही हूं। पिछली बार सितंबर में हंगरी में विश्व चैलेंज कप में हिस्सा लेने वाली दीपा अब अगरतला में नंदी के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ले रही हैं। हांगझोउ एशियाई खेलों की टीम से भी दीपा का नाम हटा दिया गया क्योंकि वह पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती थीं लेकिन वह उस निराशा से भी आगे बढ़ चुकी हैं।