विधानसभा हैदरगढ़ की चुनावी बागडोर तीनों महारथियों के हाथ
बाराबंकी। जिले में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। नामांकन प्रक्रिया जारी है। मात्र दो दिन अभी और नामांकन पत्र दाखिल होने है। जिसमें से भाजपा प्रत्याषी राजरानी रावत, इण्डिया गठबंधन प्रत्याषी तनुज पुनिया ने अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद चुनाव प्रचार शुरु कर दिया है। तनुज के चुनाव की बागडोर जहां उनके पिता डा. पीएल पुनिया व सपा के वरिष्ठ नेता राम सागर रावत ने सम्भाली है। वहीं दूसरी तरफ विधानसभा हैदरगढ़ में राजरानी की नैया पार लगाने की जिम्मेदारी हैदरगढ़ के भाजपा विधायक दिनेष रावत, नगर पंचायत हैदरगढ़ चेयरमैन आलोक तिवारी और ब्लाक प्रमुख हैदरगढ़ रामदेव सिंह के ऊपर आ गयी है। यही तीनों महारथी लोकसभा चुनाव में विधानसभा हैदरगढ़ में भाजपा की नैया पार लगाने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे।
जानकारी के अनुसार, लोकसभा बाराबंकी सुरक्षित सीट पर पिछले एक दषक से भाजपा का केसरिया लहरा रहा है। इस बार भाजपा ने अपना प्रत्याषी बदल दिया है। पहले उन्होने पुराने सांसद उपेन्द्र सिंह रावत पर ही भरोसा जताते हुए लोकसभा का टिकट दिया था। लेकिन टिकट मिलने के बाद दूसरे दिन ही भाजपा सांसद का एक वीडियो सोषल मीडिया पर वॉयरल हुआ। उसके बाद उपेन्द्र सिंह रावत यह घोषणा कर दी थी। जब तक इस वीडियो की सच्चाई सामने नही आ जाती और मैं बेगुनाह नही साबित हो जाता तब तक मैं कोई चुनाव नही लड़ूंगा। इसी के साथ उन्होने लोकसभा चुनाव न लड़ने की घोषणा की थी। काफी जद्दो जहद के बाद भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत को लोकसभा का टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया था। राजरानी के टिकट मिलने के बाद से ही उनके समर्थकों में तो खुषी की लहर दौड़ ही गयी थी लेकिन टिकट न मिलने से मायूस भाजपा के कई महारथी को यह मलाल हो गया था कि काष हमको टिकट मिलता तो भाजपा की जीत की हैट्रिक लगा देते। लेकिन इसके बाद भाजपा के दिग्गजों ने लोकसभा चुनाव का माहौल बनाने के खातिर जो भी कार्यकर्ताओं और नेताओं के अन्दर आपसी मनभेद था उसको दूर करने में लग गये।
बीती 29 अप्रैल को जब राजरानी रावत ने अपना नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले जीआईसी आडिटोरियम में चुनावी सभा की तो उसमें मुख्य अतिथि के तौर पर प्रदेष के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह मुख्य रुप से आये थे। इसके साथ ही में प्रदेष के राज्यमंत्री सतीष षर्मा भी मौजूद रहे थे। इस चुनावी जनसभा में भाजपा के जनपद के सारे दिग्गज नेता एक मंच पर नजर आये थे। पूर्व सांसद प्रियंका सिंह रावत से लेकर पूर्व सांसद बैजनाथ रावत, भाजपा विधायक दिनेष रावत, भाजपा विधायक साकेन्द्र वर्मा, भाजपा एमएलसी अंगद सिंह, भाजपा एमएलसी अवनीष पटेल के साथ में शायद ही ऐसा कोई नेता बचा हो जो मंच पर कार्यकर्ताओं के सामने अपनी आमद न दर्ज करायी हो। सभी दिग्गजों ने अपने उद्बोधनों में राजरानी रावत को शानदार जीत दिलाने की बात भी कही थी और कार्यकर्ताओं को यह संदेष भी दिया था कि सभी साथी एकजुट होकर लोकसभा सीट बाराबंकी पर भाजपा को जिताने के लिए पूरी तरह से कमर कस चुके हैं। वैसे भाजपा की जिले में तीन विधानसभा सीटों पर कब्जा है। जिसमें एक विधानसभा दरियाबाद अयोध्या लोकसभा क्षेत्र में आती है। जबकि पांच विधानसभाओं के मतदाता लोकसभा प्रत्याषी को चुनने में मुख्य भूमिका निभाएंगे।
विधानसभा हैदरगढ़ में तो भाजपा का कब्जा चला आ रहा है। वर्तमान में यहां पर दिनेष रावत विधायक हैं। इसी तरह से ब्लाक प्रमुख हैदरगढ़ की सीट पर एक दलित महिला है लेकिन उसके प्रतिनिधि के तौर पर रामदेव सिंह सारा काम देख रहे हैं। जबकि नगर पंचायत हैदरगढ़ में भाजपा से बगावत करके निर्दलीय प्रत्याषी के तौर पर आलोक तिवारी ने चेयरमैन पद का चुनाव लड़ा था और उन्होने रोमांचक तरीके से भाजपा प्रत्याषी को चुनाव हराकर जीत हासिल की थी। अभी पिछले माह ही आलोक तिवारी ने भाजपा के प्रदेष अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी के समक्ष पार्टी की सदस्यता ग्रहण करके हैदरगढ़ क्षेत्र में भाजपा को मजबूत करने की कसम खायी थी। लोकसभा क्षेत्र बाराबंकी की भाजपा प्रत्याषी राजरानी रावत को हैदरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भारी मतों से चुनाव जिताने की जिम्मेदारी दिनेष रावत के साथ साथ चेयरमैन आलोक तिवारी और ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि रामदेव सिंह के कंधो पर आ गयी है।
लोकसभा चुनाव में इन तीनों धुरंधरो की हकीकत भी जनता के सामने आ जायेगी। क्योंकि नगर की जिम्मेदारी आलोक तिवारी के कंधो पर है तो विकास खण्ड हैदरगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों की जिम्मेदारी ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि रामदेव सिंह के कंधो पर है। जबकि पूरे विधानसभा क्षेत्र हैदरगढ़ की जिम्मेदारी वर्तमान विधायक दिनेष रावत के जिम्मे है। वैसे तो कागजों पर विधानसभा हैदरगढ़ भाजपा का मजबूत किला नजर आ रहा है। क्योंकि चाहे नगर हो चाहे ग्रामीण क्षेत्र हो हर चुनाव में भाजपा ने बाजी मारी है। लेकिन इस लोकसभा चुनाव में राजरानी को विधानसभा क्षेत्र हैदरगढ़ से कितने हजारों मतों से बढ़त मिलती है यह मत उनके चुनाव में जीत की अहम भूमिका अदा करेगी। अगर कहीं इन तीनों महारथियों की कार्यषैली क्षेत्र की जनता को अन्दर ही अन्दर रास नही आयी है तो उसका भी पता लोकसभा चुनाव में मतगणना के बाद पता चल जायेगा। कुल मिलाकर आगामी 20 मई को होने वाले मतदान में सभी दलों के प्रत्याषी अपनी अपनी पूरी ताकत लगा करके अपने पक्ष में माहौल बनाने में कोई कोर कसर बाकी नही रख रहे हैं।
राम मगन के कंधो पर हैदरगढ़ की कमान
विधानसभा हैदरगढ़ क्षेत्र में इण्डिया गठबंधन के प्रत्याषी तनुज पुनिया की चुनावी कमान पूर्व विधायक हैदरगढ़ राम मगन रावत ने अपने कंधो पर ले रखी है। वह चाहे भले ही वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव हार गये हों लेकिन उनकी लोक प्रियता अभी भी विधानसभा क्षेत्र हैदरगढ़ में किसी से कम नही है। तनुज पुनिया चुनाव जिताने के लिए राम मगन रावत ने अपने कर्मठ कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर घर घर जा करके वोट मांगने का काम शुरु कर दिया है। उनका कहना है कि हैदरगढ़ के मतदाता इस बार इण्डिया गठबंधन के पक्ष में खड़े होंगे और लोकसभा चुनाव में विधानसभा हैदरगढ़ से इण्डिया गठबंधन प्रत्याषी भारी मतों से बढ़त बनाकर यहां से जायेगा। यह तो आने वाला समय बतायेगा कि कौन कितने पानी में है।