अयोध्या। श्रीराम मंदिर के प्रवेश द्वार से आगे नृत्य मंडप के पास स्तंभ पर उत्कीर्ण हनुमानजी की मूर्ति के खंडित होने की तस्वीर गुरुवार को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुई तो भक्त चिंतित हो गए।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने घटना का संज्ञान लेते हुए सीसीटीवी की जांच की पता चला कि भावातिरेक में एक भक्त अपने आराध्य से लिपट गई, जिससे हनुमानजी का एक हाथ का कुछ हिस्सा अलग हो गया। जांच के दौरान एक अन्य मूर्ति में धनुष का भी कुछ हिस्सा टूटा मिला है।
इस घटना के बाद ट्रस्ट ने परिसर के नियमित निरीक्षण के लिए टीम गठित कर दी है। आमतौर पर रामभक्त मंदिर में प्रवेश करते ही स्तंभों पर बनीं गणेश, हनुमान, गरुड़ आदि देवी देवताओं की मूर्तियों को स्पर्श कर अपनी श्रद्धा निवेदित करने लगते हैं, जिससे मूर्तियों के खंडित होने की संभावना बनी रहती है।
ऐसी घटनाओं से सतर्क हुए श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने हर रात श्रद्धालुओं के आवागमन से होने वाली क्षति का आकलन करने और उसकी प्रतिपूर्ति करने के लिए टीम गठित किए जाने का निर्देश दिया है। इस टीम में मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था एलएंडटी एवं टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स सहित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के लोग शामिल होंगे।
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि श्रद्धालु हर समय अनुशासित नहीं रह सकते, उनमें से कुछ मंदिर में आगे बढ़ते हुए ऐसी मूर्तियों और इस प्रकार की अन्य कलाकृतियों को स्पर्श करते रहते हैं और इस प्रवृत्ति से क्षति का संकट बना रहता है। यह टीम इसी संकट से निपटने का काम करेगी। प्रत्येक रात 10 बजे दर्शन की अवधि समाप्त होने के बाद यह टीम काम करेगी।
मिश्र ने बताया कि मूर्ति खंडित होने की जानकारी उन्हें दो दिन पूर्व ही मिल गई थी और गुरुवार को अयोध्या आने पर उन्होंने देखा कि मूर्ति की मरम्मत की जा चुकी है। यद्यपि अपने निरीक्षण में उन्होंने दर्शन मार्ग पर उत्कीर्ण एक मूर्ति का धनुष खंडित पाया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि न केवल मूर्तियों से होने वाली छेड़छाड़ का सूक्ष्म निरीक्षण किया जाएगा, बल्कि क्षति पाए जाने पर उनकी मरम्मत इस तरह से सुनिश्चित की जाएगी, जिससे उसकी मौलिकता किंचित भी प्रभावित न हो।