राजनीति में कद बढ़ा रहे पासी पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी डा. रामगुलाम राजदान
पत्रकारों से वार्ता में गिनाई जिले की अहम समस्याएं
बाराबंकी। जिले की सियासी जमीन पर मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के मशहूर मनोचिकित्सक डॉ. रामगुलाम राजदान ने लोकसभा चुनाव मेंएक युवा नेता के तौर पर राजनीति में पर्दापण किया। डॉ. राजदान पब्लिक अधिकार सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी है। वह लंबे समय से समाजसेवा के कार्यों से समाज में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं। बताते चलें कि मसौली विकासखंड के ग्राम कोटवा निवासी डॉ. रामगुलाम राजदान पेशे से मनोचिकित्सक हैं। बाराबंकी में जन्में और इंदौर को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले 68 वर्षीय डॉ राजदान ने रफी अहमद हाईस्कूल से 10वीं और सिटी इंटर कॉलेज से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद किंग जॉर्ज लखनऊ मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस व एमडी की पढ़ाई पूरी करके इंदौर को अपनी कर्मभूमि बनाया। लगभग तीन दशक बाद अपनी मातृभूमि वापस आए डॉ राजदान ने राजनीति के लिए बाराबंकी को ही क्यों चुना ? इस सवाल पर उन्होंने कहा मेरा मानना है कि 30 साल दूसरे राज्य में रहने के बाद भी अपनी माटी से लगाव हमेशा बना रहा। यहां लोग, यहां संस्कृति और यहां की विरासत ने मुझे सेवा का मौका दिया है। मैं बाराबंकी को और बेहतर बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत करूंगा। डॉ राजदान ने आगे बताया कि समाज के लोगों को मूलभूत सुविधाएं मुहैय्या कराना ही मेरा राजनीतिक ध्येय है। समाज को बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा मिले ताकि बाराबंकी का विकास हो सके। यहां का युवा नशे की तरफ तेजी से बढ़ा है। जिसे रोकना बेहद जरूरी है। गांवों में दी जाने वाली सुविधाएं शहरों तक ही सीमित है। जिस कारण लोगों का गांवों से पलायन हो रहा है। जिले की आबादी बढ़ी है लेकिन रोजगार के साधान नहीं। युवा बेरोजगार है। हर तरफ गंदगी और दुश्वारियां का अंबार है। लोग जाम और अतिक्रमण से परेशन है। किसानों को रियायती दर पर खाद, बीज और दवाएं नहीं मिल रही है। महंगाई बेकाबू है। ऐसे बहुत से मुद्दे हैं जिनसे जिले का नवजवान ही नहीं बल्कि हर वर्ग का व्यक्ति परेशान है। डा लोहिया समान शिक्षा की बात करते थे लेकिन सत्ता में बढ़े लोग और डॉ लोहिया के नाम को भुनाने वाले लोगों ने दोहरी शिक्षा नीति लागू की है। जिससे समाज का विघटन हुआ है। पत्रकार वार्ता में जब डा. रामगुलाम राजदान से सक्रिय राजनीति में आने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर बाराबंकी की जनता ने मौका दिया तो वह खुद को जरूर साबित करेंगे। मेरेे पिता स्व. पुत्ती लाल पुराने कांग्रेसी नेता रहे। उनकी पूर्व सांसद स्व. रामानंद शास्त्री से बहुत घनिष्टता रही। डा. रामगुलाम राजदान समाजवादी पुरोधा आचार्य नरेन्द्र देव, डॉ राममनोहर लोहिया और रामसेवक याद के विजन को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएंगे। फिलहाल वह बाराबंकी संसदीय सीट से पब्लिक अधिकार सोशलिस्ट पार्टी पासी पार्टी के उम्मीदवार है। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज इंदौर में मनोचिकित्सक विभागाध्यक्ष, संचालक व अधीक्षक पद रहे है। इसके अलावा लेखक एवं साकाजिक कार्यकर्ता है। डॉ राजदान की दो किताबे कैसे रखें मन को स्वस्थ और आधुनिक मानसिक रोग विज्ञान मनोचिकित्सा के क्षेत्र में कई कीर्तिमान स्थापित कर चुकी है। वह देश की स्वास्थ्य सेवाओं में और सुधार करने के लिए नई पीढ़ी को तैयार कर रहे हैं। युवा जोश के साथ-साथ और एक शिक्षक के रूप में उनका अनुभव स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार लाने में अहम भूमिका निभा सकता है। डा. राजदान के विचारों में उनकी सोच व जोश दिखाई पड़ता है। बिना किसी पर आरोप लगाए, वे राष्ट्र हित की बात करते है और एक विजन के साथ लोगों में उम्मीद जगा रहे है।