निराश्रित गोवंश संरक्षण अभियान शुरू

मिल्कीपुर- अयोध्या।निराश्रित गोवंश संरक्षण उनकी सुरक्षा, समुचित भरण-पोषण के साथ-साथ गोवंश को जनमानस के लिए उपयोगी बनाए जाने हेतु सरकार के दृढ़ संकल्प के क्रम में व्यापक नीति के प्रख्यापन के साथ-साथ उच्चस्तरीय निर्णय के अनुसार तथा कृषकों एवं जनमानस को इससे हो रही कठिनाईयों के दृष्टिगत समय-समय पर शासन द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए गए गये। यद्यपि जनपद अंतर्गत वर्ष 2019 की पशु गणना के अनुसार कुल आंकलित निराश्रित गोवंशों की सख्या के सापेक्ष 110 प्रतिशत गोवंश को शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित 36 गोआश्रय स्थलों में संरक्षित किया गया। इसके उपरान्त भी जनमानस द्वारा कम दुग्ध उत्पादन/अवर्णित गोवंश के साथ-साथ कृषि कार्य में मशीनीकरण के कारण अनुपयुक्त नर गोवंष को बेसहारा छोड़ दिए जाने के कारण निराश्रित गोवंशों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। जहॉ यह निराश्रित गोवंश कृषकों की फसलों को खाते हैं। जिससे अन्न उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वहीं दूसरी ओर संड़कों पर निरंकुश भ्रमण करने के कारण मार्ग दुर्घटना से पशु एवं जन हानि भी हो रही है। राज्य सरकार द्वारा शत प्रतिशत निराश्रित गोवंश जो सड़कों पर या खेतों में विचरण कर रहे हैं को सावधानीपूर्वक/उचित संसाधनों के साथ पकड़ कर समीप में स्थापित नवीन गोआश्रय स्थल या पूर्व से संचालित गोआश्रय स्थलों जिनका विस्तारीकरण किया गया है, में संरक्षित कर उनकी सुरक्षा किए जाने के उद्देश्य से 1 नवम्बर, 2023 से 31 दिसम्बर, 2023 तक 60 दिनों का विषेष निराश्रित गोवंश संरक्षण अभियान चलाया जा रहा है। जनपद में अभियान के शुभारम्भ एवं प्रगति की समीक्षा हेतु शासन द्वारा आनन्द कुमार सिंह, प्रबन्ध निदेषक, पीसीडीएफ को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।

नोडल अधिकारी द्वारा बुधवार को जनपद में अपने प्रवास के समय मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी से औपचारिक भेंट कर शासन एवं सरकार की मंशा के अनुरूप अभियान के सफल आयोजन एवं निराश्रित गेावंश के शत प्रतिषत संरक्षण हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं कराए जाने हेतु अवगत कराया गया। नोडल अधिकारी निराश्रित गौवंश संरक्षण से संबन्धित द्वारा 6 समन्वयकारी विभागों ग्राम्य विकास विभाग, पंचायतीराज विभाग, राजस्व विभाग, नगर विकास विभाग, गृह विभाग एवं पषुपालन विभाग के जनपदीय अधिकारियों एवं समस्त पशु चिकित्साधिकारियों के साथ अभियान के सफल संचालन हेतु जनपद स्तर पर तैयार की गयी कार्ययोजना, तहसील एवं विकास खण्ड स्तर पर नामित नोडल अधिकारी, गोवंश पकड़ने हेतु दलों का गठन, हॉट स्पाट चिन्हांकन, गोवंश को सुरक्षापूर्वक पकड़ने हेतु कैटल कैचर की उपलब्धता एवं क्रियाशीलता के साथ-साथ शासन द्वारा जनपद में आंकलित 2500 निराश्रित गोवंष के संरक्षण हेतु नवीन गोआश्रय स्थलों के निर्माण व पूर्व से संचालित गोआश्रय स्थल जिनमें क्षमता विस्तार किया गया है की विस्तृत समीक्षा की गई। समीक्षा के समय मुख्य विकास अधिकारी अनीता यादव द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में निराश्रित गेावंश के संरक्षण एवं उनके भरण-पोषण के लिए समुचित व्यवस्था की जा रही है तथा जल्दी ही पूर्ण कर लिया जायेगा। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि संरक्षित किए जाने वाले नवीन निराश्रित गोवंश हेतु हरे चारे, दाने एवं पीने हेतु स्वच्छ पानी की उपलब्धता के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु भी समस्त तैयारियॉ पूर्ण कर ली गयी है। जनपद में विकास खण्डवार/हॉट स्पाट अनुसार सेक्टर विभाजित करते हुए सेक्टर अधिकारी एवं गेावंश पकड़ने हेतु दलों के गठन की कार्यवाही अंतिम चरण में है। शहरी क्षेत्र के निराश्रित गोवंश को पकड़ कर कॉन्हा गौशाला एवं कॉजी हाऊस में संरक्षित किए जाने के क्रम में नगर विकास विभाग/नगर निगम अयोध्या के अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि समस्त तैयारियॉ पूर्ण है तथा अभियान अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में विचरण कर रहे बेसहारा गोवंशों को संरक्षित कर लिया जायेगा। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, समस्त उपजिलाधिकारी, अपर निदेषक एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पशुपालन विभाग एवं समन्वयकारी विभागों के समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों, समस्त पशु चिकित्साधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। बैठक उपरान्त नोडल अधिकारी ने बैसिंह कॉन्हा गोषाला का भ्रमण किया एवं निराश्रित गोवंष संरक्षण अभियान का शुभारम्भ किया एवं जनमानस से इस अभियान को सफल बनाए जाने की अपील भी की।

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