त्रिशूर। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य को धार्मिक सद्भाव, सह-अस्तित्व और भाईचारे का अंतिम स्थान बताते हुए रविवार को कहा कि जब एक भाषा, एक संस्कृति, एक धर्म जैसी एकरूपता की संस्कृति थोपी जाती है तो लोकतंत्र ‘फासीवाद’ में तब्दील हो जाता है। उन्होंने सांस्कृतिक नेताओं से देश में ‘सांप्रदायिकता और फासीवाद’ से लड़ने की भी अपील की।
विजयन ने कहा कि देश का सांस्कृतिक इतिहास विविधता से समृद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘जब एक भाषा, एक संस्कृति, एक धर्म जैसी एकरूपता की संस्कृति थोपी जाती है तो लोकतंत्र ‘फासीवाद’ में तब्दील हो जाता है।’’ मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के जनसंपर्क कार्यक्रम ‘नव केरल सदा’ के तहत आयोजित ‘फेस-टू-फेस’ कार्यक्रम में यह कहा। कार्यक्रम में राज्य के संस्कृति क्षेत्र से जुड़े लोगों ने हिस्सा लिया।
विजयन ने कहा कि सांस्कृतिक क्षेत्र में भी संघवाद की भावना की रक्षा की जानी चाहिए। वाम नेता ने कहा, “केरल धार्मिक सद्भाव, सह-अस्तित्व और भाईचारे का अंतिम स्थान है। हमें केरल की संस्कृति को संरक्षित रखते हुए भारत की अवधारणा को मजबूत करने में सक्षम होना चाहिए।