डिमांड, अटेंडेंस व भुगतान मनरेगा में अलग-अलग परिभाषा

जरूरी नहीं डिमांड सापेक्ष प्रतिदिन उतने मजदूर कार्य करे

सिद्धौर। ब्लॉक क्षेत्र के विभिन्न पंचायत में बीते दिनों से मनरेगा योजना के तहत अलग-अलग कार्य कराए जा रहे हैं। जिसमे पूर्व सांसद के गांव भुलभुलिया मजरे सेमरावां पंचायत में मालदेही तालाब खुदाई कार्य संचालित है। लेकिन ग्रामीण डिमांड मुताबिक मजदूरों संख्या कम होने शिकायत कर भ्रष्टाचार आरोप सचिव व प्रधान पर लगा रहे‌। इसको खारिज कर एपीओ मनरेगा ने उपस्थित श्रमिकों संख्या पर मानरिंटग कर हाजिरी लगाकर भुगतान होना बताया है। उनके मुताबिक जरूरी नहीं है कि डिमांड के सापेक्ष उतने ही श्रमिक प्रतिदिन काम करें।

शुक्रवार सिद्धौर ब्लॉक क्षेत्र के सेमरावां प्रधान सरोजिनी तिवारी व उनके प्रतिनिधि ओम तिवारी पूर्व सांसद बैजनाथ रावत के गांव भुलभुलिया स्थित मालदेही तालाब खुदाई मनरेगा से करा रहे हैं। जिससे क्षेत्र के जीव जंतुओं, पशुओं को लाभ मिलने साथ बारिश पानी तालाब में जमा होने भूगर्भ जल रिचार्ज हो सके। ‌लेकिन प्रधान प्रतिनिधि ओमू तिवारी का कहना है कि मेंथा पेराई के चलते हैं। डिमांड के मुताबिक मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं। खुदाई कार्य में विलंब है। मेट रामशंकर के द्वारा सुबह-शाम तालाब खुदाई में मौजूद श्रमिकों की संख्या गिनती कर फोन से जीओ टैंग कर ऑनलाइन पोर्टल पर सबमिट किया जा रहा है। शुक्रवार आधा दर्जन मजदूर ही खुदाई पर मिले। इसकी मानरिंटग सचिव विवेक सोनकर व एपीओ मनरेगा सिद्धौर अमित कुमार द्वारा प्रतिदिन है। वहीं ऑनलाइन पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज हो रही है। इन्ही मजदूरों भुगतान है। मनरेगा एपीओ सिद्धौर अमित कुमार ने बताया कि मनरेगा में डिमांड, उपस्थिति व भुगतान सब ऑनलाइन हैं। तीनों की अलग-अलग परिभाषा है। उन्होंने बताया कि सेमरावां में तीस मजदूरों की डिमांड हुई है। यह जरूरी नहीं है कि डिमांड सापेक्ष प्रतिदिन तीस ही मजदूर कार्य करें। मौके कार्यरत मजदूर ही हाजिरी लगती। इस तरीके फर्जी प्रतिदिन शिकायत मिल रही है कि डिमांड के सापेक्ष कम मजदूर दिखाकर भ्रष्टाचार किया जाता है। यह गलत तथ्य हैं। शिकायतकर्ता पहले है मौके पर सुबह-शाम मौजूद श्रमिकों की संख्या व अटेंडेंस देखे फिर शिकायत करें। इसकी जांच होगी। उन्होंने शिकायतकर्ता से बिना तथ्य आरोप न लगाने की अपील की।

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