-परिवार नियोजन सेवाओं की उपलब्धता में एफपीएलएमआईएस ने निभाई अहम भूमिका
लखनऊ। परिवार नियोजन की दिशा में अहम पहल के रूप मे प्रदेश में ‘परिवार नियोजन लॉजिस्टिक प्रबंधन सूचना प्रणाली’ (एफपी-एलएमआईएस) ने परिवार नियोजन सेवाओं की उपलब्धता को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में परिवार नियोजन साधनों की माँग बढ़ी है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवल के अनुसार एफपी-एलएमआईएस प्राणली ने परिवार नियोजन साधनों की उपलब्धता और पहुँच को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई है। यह पहल न केवल वर्तमान में प्रभावी है, बल्कि भविष्य में भी स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन में महत्वपूर्ण उपकरण साबित होगी। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रदेश में आशा द्वारा एफपी – एलएमआईएस क्रियान्वयन राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम रहा है। निरंतर पहल से आवश्यक साधनों की पहुंच को सुनिश्चित किया जा रहा है। ताकि लाभार्थियों को बिना किसी बाधा के सेवाएं मिलती रहें।
उत्तर प्रदेश में एफपी – एलएमआईएस
महाप्रबंधक परिवार नियोजन डॉ. सूर्यान्शु ओझा ने बताया की एफपी – एलएमआईएस एक डिजिटल प्रणाली है जो स्वास्थ्य केंद्रों और अन्य वितरण केंद्रों के बीच परिवार नियोजन साधनों की आपूर्ति श्रृंखला का प्रबंधन करती है। इसे राष्ट्रीय तकनीकी सहयोग इकाई, परिवार नियोजन प्रभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने वर्ष 2017 में निर्मित किया था। इसे लागू वर्ष 2018 में किया गया। इसका उद्देश्य सही समय और सही स्थान पर आवश्यक साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना था, जिससे स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा करने में सहयोग मिल सके।
प्रदेश में एफपी – एलएमआईएस का प्रभाव
एफपी -एलएमआईएस पोर्टल के लॉन्च होने के बाद से परिवार नियोजन साधनों की कमी की समस्याएं धीरे- धीरे काफी हद तक कम हो गई हैं। वर्तमान में स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भनिरोधक साधन आसानी से उपलब्ध है। इस प्रणाली ने स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों को स्टॉक की स्थिति को वास्तविक समय में ट्रैक करने में मदद की है, यही कारण है कि वर्ष 2020 दृ 21 में जहां कंडोम- 45111816, माला-एन 3106518, छाया- 1114976, इजी पिल- 2895007,आई. यू. सी. डी.375-901298, आई. यू. सी. डी.380 । – 503656, टुबल रिंग-366132, अंतरा-497318, निश्चय किट-4352136 साधनों का वितरण किया गया था। वहीं एफपी -एलएमआईएस के सहयोग से वित्तीय वर्ष 2023-24 में कंडोम- 41720949, माला-एन 5041470, छाया- 2175113, इजी पिल- 2759655, आई. यू. सी. डी.375-1071838, आई. यू. सी. डी.380 । – 1090700, टुबल रिंग-355880, अंतरा-1245400, निश्चय किट-5416600 परिवार नियोजन साधनों का वितरण किया गया। यह प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में एक महत्वपूर्ण सुधार को दर्शाता है। यह आपूर्ति बताती है कि आधुनिक साधनों की मांग बढ़ रही है।
लखनऊ के एसीएमओ प्रजनन स्वास्थ्य डॉ. बी .एन. यादव बताते हैं कि ष्एलएमआईएस ने हमारे काम को बहुत आसान बना दिया है। अब हमें परिवार नियोजन साधनों की कमी की चिंता नहीं रहती और हम अपने लाभार्थियों को निरंतर सेवाएं प्रदान कर सकते हैं।
आंकड़े बताते हैं साधनों की आवश्यकता
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस)-5 के आंकड़ों के अनुसार, हमारे प्रदेश में की कुल अनमेट नीड (दंपति बच्चे नहीं चाहते और कोई भी परिवार नियोजन का साधन भी नहीं अपना रहे है) 12.9 फीसद है वहीं अंतराल विधियों की अनमेट नीड 4.8 फीसद है जबकि एनएफएचएस-4 में कुल अनमेट नीड 18.1 और अंतराल विधियों की अनमेट नीड 6.8 फीसद थी। यह आँकड़े दर्शाते हैं कि प्रदेश में परिवार नियोजन साधनों की माँग बढ़ी है।