नई दिल्ली। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना अब उपद्रवियों को भारी पड़ सकता है। विधि आयोग ने कहा है कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में शामिल लोगों को नुकसान के बराबर धनराशि जमा करने के बाद ही जमानत मिलनी चाहिए।
विधि आयोग ने सरकार से कहा है कि जमानत देने की शर्त के रूप में अपराधियों को उनके द्वारा क्षतिग्रस्त की गई सार्वजनिक संपत्ति का अनुमानित मूल्य जमा करने के लिए बाध्य करने से इस तरह की घटनाओं पर निश्चित रूप से रोक लगेगी।
जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाले आयोग ने यह भी सुझाव दिया कि जानबूझकर बाधा उत्पन्न करने और लंबे समय तक सार्वजनिक स्थानों और सड़कों को अवरुद्ध करने वाले विरोध प्रदर्शनों से निपटने के लिए एक व्यापक कानून बनाया जाना चाहिए।
आयोग ने सिफारिश की कि या तो लंबे समय तक रुकावटों से निपटने के लिए एक नया व्यापक कानून बनाया जाए या संशोधन के माध्यम से भारतीय दंड संहिता या भारतीय न्याय संहिता में इससे संबंधित एक विशिष्ट प्रविधान पेश किया जाए।
आयोग ने कहा कि ‘सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान से रोकथाम अधिनियम’ के तहत सजा का डर सार्वजनिक संपत्ति से तोड़फोड़ को रोकने में सक्षम नहीं साबित हो रहा है।