देश में बढ़े साइबर और महिलाओं-बच्चों के विरुद्ध अपराध

नई दिल्ली। देश में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराधों में बढ़ोतरी हुई है। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में चार प्रतिशत की वृद्धि हुई है और हर घंटे लगभग 51 एफआइआर दर्ज की गईं। बच्चों के विरुद्ध अपराधों में 8.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यही नहीं, साइबर अपराध के दर्ज मामले भी तेजी से बढ़े हैं।

2022 में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के हर घंटे दर्ज हुए 51 मामले
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े बताते हैं कि राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर अपराध के मामलों में 24.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2022 में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के 75 प्रतिशत मामले जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, असम और उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए।

जबकि देशद्रोह के 25 प्रतिशत मामले सिर्फ बंगाल में दर्ज किए गए।एनसीआरबी के अनुसार, महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में तीन वर्षों में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है। देशभर में 2020 में महिलाओं के विरुद्ध अपराध के 3,71,503; 2021 में 4,28,278 और 2022 में 4,45,256 मामले दर्ज किए गए।

महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में 31.4 प्रतिशत पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता, 19.2 प्रतिशत अपहरण, 18.7 प्रतिशत शील भंग करने के इरादे से हमला और 7.1 प्रतिशत दुष्कर्म के थे। 2022 में महिलाओं के विरुद्ध अपराध की दर सबसे अधिक दिल्ली में 144.4 दर्ज की गई जो देश की औसत दर 66.4 से काफी अधिक थी। 2022 में दिल्ली में महिलाओं के विरुद्ध अपराध के 14,247 मामले पंजीकृत किए गए।

सिर्फ बंगाल में दर्ज किए गए देशद्रोह के 25 प्रतिशत मामले
2022 में महिलाओं के विरुद्ध अपराध के सबसे अधिक मामले उत्तर प्रदेश (65,743) में दर्ज किए गए। इसके बाद महाराष्ट्र (45,331), राजस्थान (45,058), बंगाल (34,738) और मध्य प्रदेश (32,765) का स्थान है। इन पांच राज्यों में महिलाओं के विरुद्ध अपराध के कुल 50.2 प्रतिशत मामले दर्ज हुए।आंकड़ों के मुताबिक, देश में 2021 में बच्चों के विरुद्ध अपराधों के 1,49,404 मामले पंजीकृत हुए थे जो 2022 में बढ़कर 1,62,449 हो गए।

सबसे ज्यादा मामले अपहरण के थे। जुवेनाइल के विरुद्ध दर्ज मामलों में दो प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। 2021 में जुवेनाइल के विरुद्ध 31,170 मामले पंजीकृत किए गए थे जो 2022 में घटकर 30,555 रह गए।साइबर अपराध के 2021 के 52,974 मामलों के मुकाबले 2022 में कुल 65,893 मामले दर्ज किए गए।

2022 में दर्ज कुल मामलों में से 64.8 प्रतिशत धोखाधड़ी के उद्देश्य से किए गए अपराधों के थे। महानगरों में साइबर अपराध के मामलों में 2021 के मुकाबले 2022 में 42.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। 2022 में महानगरों में सबसे अधिक साइबर अपराध के मामले बेंगलुरु में 9,940 दर्ज किए गए।

इसके बाद मुंबई में 4,724; हैदराबाद में 4,436 और नई दिल्ली में 685 मामले दर्ज किए गए। वर्ष 2022 में भारतीय दंड संहिता की धारा-124ए के तहत राजद्रोह के 20 मामले दर्ज किए, जबकि 2021 में 76 और 2020 में 73 मामले दर्ज किए गए थे। 2022 में राजद्रोह के सबसे ज्यादा मामले बंगाल (5) में दर्ज किए गए।

इसके बाद जम्मू-कश्मीर, मणिपुर और उत्तर प्रदेश में तीन-तीन मामले दर्ज किए गए। वहीं, यूएपीए के तहत 2022 में 1,005 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2021 में 814 और 2020 में 796 मामले दर्ज किए गए थे। सरकारी गोपनीयता कानून के तहत 2022 और 2021 में 55-55 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2020 में 39 मामले दर्ज किए गए थे।

हर घंटे हुईं तीन हत्याएं
वर्ष 2022 में हत्याओं के कुल 28,522 मामले पंजीकृत किए गए। यानी प्रतिदिन औसतन 78 और प्रति घंटे तीन हत्याएं हुईं। जबकि 2021 में हत्या के 29,272 और 2020 में 29,193 मामले दर्ज किए गए थे। प्रति लाख की आबादी पर हत्या की दर 2.1 रही। संख्या के लिहाज से देखें तो सबसे ज्यादा हत्याएं उत्तर प्रदेश में हुईं। उसके बाद बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान का स्थान है।

सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा दिल्ली में मौतें देशभर में सड़क दुर्घटनाओं में वर्ष 2022 में 17,680 लोगों की मौत हुई। इनमें से दिल्ली में 2,103 लोगों की मौत हुई जो देशभर में सबसे ज्यादा हैं। ध्वनि प्रदूषण के 98.9 प्रतिशत मामले राजस्थान में,

दिल्ली में शून्य
वर्ष 2022 में ध्वनि प्रदूषण के कुल 7,378 मामले पंजीकृत किए गए जिनमें से 98.9 प्रतिशत मामले राजस्थान में दर्ज किए गए। उत्तर प्रदेश, गुजरात व पंजाब में एक-एक और दिल्ली, जम्मू-कश्मीर व अन्य केंद्र शासित प्रदेशों में शून्य मामले दर्ज किए गए। 2021 में ध्वनि प्रदूषण के कुल 7,217 मामले दर्ज किए गए थे।

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