कोटेदारों के मानदेय का निर्धारण समेत 9 सूत्रीय मांगों को लेकर सीएम को लिखा पत्र
बाराबंकी। नए साल में फ्री राषन वितरण पर संकट के बादल गहराते नजर आ रहे है। कोटेदारों ने चेतावनी दी है कि राषन वितरण का लाभांष अगर नहीं बढ़ाया गया तो कोटेदार जनवरी से राषन का वितरण नहीं करेंगे। बताते चलें कि आल इण्डिया फेयर प्राईस शॉप डीलर एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि राषन वितरण का लाभांष अगर नहीं बढ़ाया गया तो कोटेदार जनवरी से राषन का वितरण नहीे करेंगे। इस मांग को लेकर एसोसिएशन जिलाध्यक्ष विजयपाल गौतम ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद व खाद्य आयुक्त को पत्र लिखा है। उन्होंने बताया है कि प्रदेष के कोटेदारों को 90 रूपए प्रति कुंतल का लाभांष दिया जा रहा है। जबकि हरियाणा, गोवा, दिल्ली व केरल जैसे प्रदेषों में 200 रूपए प्रति कुंतल का लाभांष, महाराष्ट्र में 150 रूपए और राजस्थान में 125 रूपए प्रति कुंतल लाभांष दिया जा रहा है। वहीं गुजरात के कोटेदारों को बीस हजार रूपए मानदेय मिलता है। विजयपाल गौतम ने कहा कि मुख्यमंत्री को मांगपत्र भेजकर मांग की है कि कोटेदारों को 50,000 रूपये मानदेय और अन्य भाजपा शासित प्रदेषों की तरह उत्तर प्रदेष के कोटेदारों का 200 रूपए प्रति कुंतल लाभांष दिया जाए। इसके अलावा जून 2021 में कोेटेदारों द्वारा खाद्यान्न विवतरण की जमा धनराशि को वापस दिलाया जायें। एमडीएम, आंगनबाड़ी एवं एपीएल, बीपीएल व अन्त्योदय योजना का खाद्यान 2001 से लेकर 2014 तक बराबर उठाते चले आये है, उसका बकाया भाड़ा दिया जाए। सिंगल स्टेज डोर स्टेप डिलीवरी के अन्तर्गत ठेकेदारों द्वारा कोटेदारों की दुकान तक निःशुल्क राशन तौलकर अथवा 25 प्रतिशत छोटे वाहन लगवाने के आदेश पारित किया जाए। कोरोना काल में राशन डीलरों की मौत हो गयी, जिसमें राजस्थान राज्य सरकार की तर्ज पर मृतक कोटेदारों के परिवारों को पचास लाख रूपये प्रति डीलर के परिवार को दिया जाय। विजयपाल गौतम ने कहा कि विभिन्न मांगों को लेकर आगामी 01 जनवरी से 16 जनवरी तक कोटेदार हड़ताल पर रहेंगे। यदि समय रहते सरकार सभी मांगों को मान लेती है तो समय पर खाद्यान्न वितरण किया जाएगा।