शासन तक पहुंची बेलहरा चेयरमैन के भ्रष्टाचार की आंच

प्रमुख सचिव से मिला सभासद प्रतिनिधि मंडल, जांच का मिला आश्वासन

बाराबंकी। बेलहरा नगर पंचायत के चेयरमैन द्वारा पद के दुरुपयोग, भ्रष्टाचार एवं वित्तीय अनियमितताओं के आरोप के मामले की सभासदों ने नगर विकास मंत्री एवं प्रमुख सचिव से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। बीते 7 दिसंबर को सभासदों का एक प्रतिनिधि मंडल नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात से मिला था। इस मुलाकात में उन्होंने बेलहरा नगर पंचायत की चेयरमैन शबाना खातून और चेयरमैन प्रतिनिधि व सभासद अयाज खान के हस्तक्षेप से शासकीय धन के दुरुपयोग की षिकायत करते हुए शासन से उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की थी। सभासदों ने नगर पंचायत अध्यक्षा शबाना खातून पर गुणवत्ताहीन कार्य कराने, ऑफिस नहीं आने और फाइल को घर में रखकर उसके देवर एवं चेयरमैन प्रतिनिधि अयाज खान द्वारा नगर पंचायत में राज चलाने का आरोप लगाया है। बताते चलें कि बेलहरा नगर पंचायत की पूर्व अध्यक्ष कुरैषा बेगम चेयरमैन प्रतिनिधि अयाज खान की माता रही हैं।

वहीं वर्तमान चेयरमैन शबाना खातून की भाभी हैं। जिनके दोनों कार्यकाल की मनमानी से त्रस्त सभासदों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नगर विकास मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा, नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात एवं केलक्टर सत्येन्द्र कमुार से जांच की मांग की है। सभासदों ने जिलाधिकारी से मिलकर बेलहरा चेयरमैन और अधिशाषी अधिकारी के क्रियाकलापों की जांच कराने और दोषी पाए जाने पर तत्काल पद से बर्खास्त करने की मांग की है। बताते चलें कि सभासदों ने धांधली से संबंधित शिकायतों का पुलिंदा शासन को भेजा है। शासन को भेजे गए पत्र में कई ऐसे कार्यों का उल्लेख किया है जिन कार्यों के लिए बोर्ड से कोई स्वीकृति नहीं ली गई। फिर भी अध्यक्ष ने काम कराकर उसका भुगतान किया है। कुछ ऐसे विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इसके लिए कोई निविदा नहीं निकाली गई। मनमाने तरीके से काम कराया गया। साथ ही विकास कर्यों में गुणवत्ता से समझौता किया गया है। इन आरोपों को गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने विभागीय अधिकारियों से जांच प्रक्रिया को जल्द ही आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया है। वहीं सभासदों का आरोप है कि चेयरमैन ने बेलहरा नगर पंचायत सीमा के बाहर लगभग 38 विद्युत पोल लगवाए है। जिनमें ग्राम पंचायत उदापुर, मुड़ाभारी, सिंगहा, कैथा, छत्वारा आदि गांव शामिल है।

वहीं 15वें वित्त आयोग योजना के अर्न्तगत बेलहरा नगर पंचायत में जीईएम पोर्टल के माध्यम से आमंत्रित निविदा संख्या-602 दिनांक 18.12.2023 में प्रस्तावित ई रिक्शा की कीमत 4,50,600 रूपए स्वीकृत की गई हैं। जबकि अन्य नगर निकायों में ई रिक्षा की कीमत 3,10,000 रूपए है। इसके अलावा चेयरमैन प्रतिनिधि अपने खास ठेकेदार मेसर्स मो जफर को ही लगभग सारे टेंडर देते हैं जैसे अलाव के लिए लकड़ी की व्यवस्था, चूना, ब्लीचिंग आदि शामिल है। सभी सभासदों का आरोप है कि शबाना खातून द्वारा कराए गए सभी निर्माण गुणवत्ता विहीन है। अध्यक्ष नगर पंचायत कार्यालय माह में कभी कभार पहुंचती है। इससे सभासदों का काम कराने में परेशानी का सामना करना पड़ता है, वहीं नगर पंचायत अध्यक्ष शासकीय काम कम और उनके देवर अयाज खान द्वारा अधिक किया जाता है। सभासदों का यह भी आरोप है कि ऑफिस की फाइलों को घर में रखा जाता है, कई फाइल गुम हो जाने की भी शिकायत है। नगर पंचायत अध्यक्ष की इन मनमानी से तंग आकर सभी दलों के पार्षदों ने हस्ताक्षर कर नगर विकास मंत्री, प्रमुख सचिव और जिलाधिकारी को आवेदन दिया है कि जांच कराकर तत्काल उसके पद से बर्खास्त कर दिया जाए ताकि बेलहरा नगर पंचायत का विकास हो सकें।

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बागी सभासदों ने खोला मोर्चा

बाराबंकी। नगर पंचायत बेलहरा में निर्वाचित सभासद तरन्नुम, सर्वजीत, नसीर खान, मो इम्तियाज, लज्जावती, अखिलेष जायसवाल, लक्ष्मी देवी, संत कुमार मौर्या, मृदुल शुक्ला, नितिन वर्मा ने चेयरमैन के विरूद्ध मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने बोर्ड की स्वीकृति के बिना ही नगर में विकास कार्य कराया और कई विकास कार्य बिना निविदा के ही कराकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया है। उनका कहना है कि निकाय चुनाव के परिणाम बाद बोर्ड बैठक बुलाई गई थी। कुछ ऐजेण्डों पर बात हुई लेकिन चेयरमैन ने अपनी मनमानी शुरू कर दी। जिसके बाद सभासदों का एक बड़ा बहुमत चेयरमैन के खिलाफ होगा। काफी समय बीत जाने के बाद जब चेयरमैन ने बीती 08 दिसम्बर 2023 को बैठक बुलाई तो उसका सभासदों ने बहिष्कार किया और बहुमत कम होने से बैठक भंग हुई। इसके बाद उन्होंने पुनः बीती 26 दिसम्बर को बोर्ड की बैठक बुलाई गई, जिसमें बागी सभासदों ने फिर बैठक का विरोध किया।

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