मनरेगा में हो रहा भ्रष्टाचार,डी सी मनरेगा बने ध्रतराष्ट्र

पुरानी फ़ोटो अपलोड कर चलाई जा रही मनरेगा योजना

सीतापुर। जनपद में फर्जी हाजिरी का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है, जँहा एक तरफ सरकार लगातार भृष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक कर कड़े निर्देश दे रही है वही सीतापुर जनपद के जिम्मेदार अधिकारी कही न कही भृष्टाचार को बढ़ावा दे रहे है, मुख्यालय पर बैठे अधिकारियों के संरक्षण में विकास खंड पर बैठे अधीनस्थ घोटालो को अंजाम तक पहुचा रहे है, ऐसा ही जीता जागता उदहारण मनरेगा के अंतर्गत कराये जा रहे कार्यो में देखा जा सकता है, जनपद की अधिकतर विकास खंडो में फर्जी हाजिरी व बिना कार्य के भुगतान कराये जा रहे है, शिकायते होने व खबर प्रकाशन के बावजूद अभी तक कोई कठोर कार्यवाही नही की गई जिसके परिणामस्वरूप दिन प्रतिदिन घोटाले बढ़ते जा रहे है।
विकास खंड बिसवां की ग्राम पंचायत देवकलिया में मनरेगा के अंतर्गत कागजो पर तीन काम चलाये जा रहे है। पहले कार्य सियाराम के खेत से रामखेलावन के खेत तक चकमार्ग निर्माण पर 48 श्रमिको की हाज़िरी दर्ज की गई, दूसरे कार्य खड़ंजा से जफर के खेत तक चकबन्ध कार्य पर 35 श्रमिको की हाजिरी लगाई गई दोनो की कार्य महीनों पहले से बंद है, वंहा पर मौजदू ग्रामीण से बात करने पर पता चला कि डेढ़ से दो माह पहले ये दोनों काम चल रहे है, वही चकमार्ग पर उगी घास भ्रष्टाचार की गवाह बनी हुई है। वही तीसरे काम सरदार वल्लभ भाई पटेल अमृत सरोवर निर्माण कार्य पर 40 श्रमिको की हाजिरी लगाई गई है, इस काम पर हाजिरी तो 40 की लगी है लेकिन काम मात्र 12 से 13 लोग ही करते है।

ग्राम पंचायत बेनीपुर में वीर अब्दुल हमीद अमृत सरोवर निर्माण कार्य के अंतर्गत सजना तालाब की खुदाई कार्य पर 124 श्रमिको की हाजिरी दर्ज की जा रही है, ऑनलाइन दर्ज की गई हाजिरी में पुरानी फ़ोटो का सहारा लिया जा रहा है, वही मौके पर कार्य बंद चल रहा है,वही मौके पर कपड़े धोने वालो से बात की गई तो पता चला कि आज काम नही हुआ है। वही रोजगार सेवक ने ऑनलाइन हाजिरी में पुरानी फ़ोटो का इस्तेमाल कर घालमेल किया है।

विकास खंड परसेंडी की ग्राम पंचायत मुसेपुर में चल रहे मनरेगा से मूसेपुर में औरहिया तालाब जिर्णोद्वार कार्य पर प्रतिदिन 90 श्रमिको की हाजिरी लगाई जा रही है, लेकिन मौके पर 15 से 20 लोग ही कार्य करते है, कल जब मौके पर देखा गया तो 3 श्रमिक ही कार्य कर रहे थे, उसने पूछने पर पता चला की लोग आ रहे है, पूछने पर बताया कि किसी दिन 15 किसी दिन 20 या ज्यादा से ज्यादा 25 लोग तक काम करने आ जा जाते है। जब इस सबन्ध में तकनीकी सहायक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेरा हाजिरी से कोई मतलब नही है हम तो काम देखते है और एम बी कर देते है।
जब जानकारी की लिए बिसवां के तकनीकी सहायको को फ़ोन किया गया तो घंटिया तो बजती रही लेकिन किसी ने फ़ोन नही उठाया।

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