कांग्रेस सरकार के घोषित आपातकाल पर भाजपा के प्रहार से भड़के खरगे

भाजपा के कार्यकाल की तुलना “अघोषित आपातकाल” से की

नई दिल्ली। कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान आपातकाल लागू किए जाने के आज (25 जून) के दिन को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं द्वारा काला दिवस मनाए जाने से कांग्रेस के नेता दबाव में दिखे। भाजपा नेताओं की बार-बार काला दिवस पर प्रतिक्रिया आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भड़क उठे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी सर्वसम्मति और सहयोग की बात करते हैं, पर उनकी प्रतिक्रिया इसके ठीक विपरीत है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पलटवार करते हुए भाजपा के एक दशक के कार्यकाल की तुलना “अघोषित आपातकाल” से कर डाली। उन्होंने आज मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि जबकि देश भविष्य की ओर देख रहा है वहीं भाजपा अपनी कमियां छिपाने के लिए अतीत को ही कुरेद रही है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र और संविधान की दुर्दशा भाजपा ने की है, कांग्रेस ने हमेशा लोकतंत्र और संविधान का साथ दिया है और हम देते रहेंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा से सवाल करते हुए पूछा है कि पिछले 10 वर्षों में 140 करोड़ भारतीयों को भाजपा की सरकार ने “अघोषित आपातकाल” का आभास करवाया। भाजपा ने लोकतंत्र और संविधान को गहरा आघात पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि पार्टियों को तोड़ना, चोर दरवाज़े से चुनी हुई सरकारों को गिराना, 95 फीसदी विपक्षी नेताओं पर ईडी, सीबीआई और आईटी का दुरुपयोग कर मुख्यमंत्रियों तक को जेल में डालना और चुनाव के पहले सत्ता का इस्तेमाल करना क्या ये अघोषित आपातकाल नहीं है।

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने यह भी पूछा कि जब 146 विपक्षी सांसदों को संसद से सस्पेंड कर के देश के नागरिकों पर आपराधिक न्याय प्रणाली को बदलने के लिए 3 क़ानून (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023, भारतीय न्याय संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023) पारित किये गए, तब ये सर्वसम्मति और सहयोग शब्द कहां था।

उन्होंने यह भी पूछा है कि जब संसद के प्रांगण से छत्रपति शिवाजी महाराज जी, महात्मा गांधी जी और बाबा साहब डॉ. आम्बेडकर जी जैसी महान विभूतियों की प्रतिमाओं को बिना विपक्ष से पूछे एक कोने में स्थानांतरित कर दिया गया, तब ये शब्द कहां था।

कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी पूछा है कि देश के 15 करोड़ किसान परिवारों पर तीन काले क़ानून थोपे गए और उनको अपने ही देश में महीनों सड़कों पर बैठने पर विवश किया गया। उन पर अत्याचार किया गया, तब ये सर्वसम्मति और सहयोग जैसै शब्द कहां थे।

उन्होंने कहा कि आनन-फ़ानन में नोटबंदी लागू की गयी। कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन किया गया। चुनावी बांड का क़ानून जैसे ऐसे कई उदहारण हैं, जिस पर मोदी सरकार ने सर्वसम्मति और सहयोग का प्रयोग बिलकुल नहीं किया। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने विपक्ष को ही नहीं अपने ही नेताओं को अंधेरे में रखा।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 17वीं लोकसभा में इतिहास में सबसे कम केवल 16 फीसदी विधेयक संसदीय स्थायी समिति के समक्ष गए जबकि लोकसभा में 35 प्रतिशत विधेयक एक घंटे से कम समय में पारित हुए। राज्यसभा में भी ये आंकड़ा 34 फीसदी है।

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