नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के 28वें सत्र- कॉपः28 का आज दुबई में समापन होगा। संयुक्त अरब अमीरात की अध्यक्षता में चल रहे सम्मेलन में कल शाम जारी किए गए निर्णय और निष्कर्षों के दस्तावेज ग्लोबल स्टॉक-टेक के पहले मसौदे पर आज यहां चर्चा हो सकती है।
दिलचस्प है कि कॉपः28 सम्मेलन का यह सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जा रहा है। इसे जारी करने के बाद कॉपः28 के अध्यक्ष सुल्तान अल जाबेर ने इस बात पर जोर दिया कि सम्मेलन में भाग ले रहे देशों को जीवाश्म ईंधन सहित सभी महत्वपूर्ण विषयों से संबंधित उच्च महत्वाकांक्षाओं को पूरा करना चाहिए।
खास बात यह है कि जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने या इसके उपयोग में कमी लाने की शब्दावली मसौदे से हटा दी गई है। इसकी विषय वस्तु में कोयले का उल्लेख है, लेकिन तेल और गैस का संदर्भ नहीं दिया गया है, जिनसे विश्व में लगभग 55 प्रतिशत कार्बन और जहरीली गैसों का उत्सर्जन होता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इससे 2015 में हुए पेरिस समझौते के अंतर्गत विश्व में तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस के औसत स्तर तक बनाये रखने के प्रयासों में बाधा आयेगी। हालांकि मसौदे में यह सुझाव दिया गया है कि विश्व के देश जीवाश्म ईंधन का न्यायोचित, तर्कसंगत और सही तरीके से, उत्पादन और उपभोग करें, ताकि आने वाले दशकों में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने का वांछित लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।
यूरोपीय संघ और कुछ देशों ने इस बात पर जोर दिया है कि सभी तरह के जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से उपयोग से बाहर करने पर समझौता कॉपः28 की सफलता का संकेत हो सकता है।