लखनऊ: अयोध्याधाम में श्रीरामलला के विग्रह दर्शन के लिए लगातार भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। मंगलवार को तकरीबन पांच लाख श्रद्धालुओं ने राममंदिर में दर्शन किये। ये संख्या आगे और बढ़ेगी। इसको लेकर जहाँ प्रशासन ने दर्शनों का समय बढ़ा दिया है। वहीँ बुधवार को सीएम योगी ने अयोध्याधाम में दर्शनार्थियों के लिए दर्शन व्यवस्था को सुगम बनाने की दिशा में समीक्षा बैठक की। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारीयों से कहा कि हर रामभक्त को अयोध्या में दर्शन करना हमारा पहला कर्तव्य है। सीम योगी ने खुद मंगलवार को वहां जाकर पूरी व्यवस्था को परखा था। सीएम योगी ने अधिकारीयों को व्यवस्था को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्याधाम में रामलला के दर्शन की आकांक्षा लिए उमड़े आस्था के महासागर के बीच हर श्रद्धालु के सहज, सुगम व संतोषपूर्ण दर्शन के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि ट्रस्ट के पदाधिकारियों व स्थानीय प्रशासन के साथ परिस्थितियों का जायजा लेने के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री ने शासन स्तर के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
सीएम योगी ने ये दिए निर्देश –
● अयोध्याधाम में आस्था का जनसमुद्र देखा जा सकता है। पूरे देश से श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है। हर कोई अपने आराध्य प्रभु के दर्शन का पुण्य लाभ चाहता है। भारी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन स्वाभाविक है। ऐसी परिस्थितियों में हर श्रद्धालु की सुरक्षा, सुविधा व सुगम दर्शन की व्यवस्था करना हम सभी का कर्तव्य है।
● स्थानीय प्रशासन और मंदिर न्यास के बेहतर समन्वय के साथ क्राउड मैनेजमेंट किया जाना चाहिए। राम पथ, भक्ति पथ, धर्म पथ और जन्मभूमि पथ पर, जहां भी दर्शनार्थी हों, कतारबद्ध खड़े हों। भीड़ न लगे। कतार चलायमान रहे। बुजुर्गों/बच्चों/महिलाओं का विशेष ध्यान दें।दर्शनार्थियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए प्रमुख पथों पर लो-ट्यून में राम भजन बजने चाहिए। सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों का व्यवहार मर्यादित होना चाहिए।
● कतारबद्ध श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह पर पेयजल की व्यवस्था कराएं। दिव्यांग अथवा अति बुजुर्ग श्रद्धालु के लिए आवश्यकतानुसार व्हीलचेयर के प्रबंध भी होने चाहिए। ठंड बहुत है, ऐसे में अलाव की व्यवस्था कराएं। भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ पर पर जूट मैटिंग कराएं। प्लास्टिक की कुर्सियां लगाएं ताकि बुजुर्ग एवं वृद्धजन आवश्यकतानुसार विश्राम कर सकें। सभी घाटों सहित पूरे नगर में साफ-सफाई-स्वच्छ्ता लगातार होती रहे। मशीनीकृत सफाई हो।
● जो श्रद्धालु दर्शन-पूजन कर चुके हों, उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए परिवहन के पर्याप्त साधन उपलब्ध हों। परिवहन निगम की बसों की व्यवस्था हो। विभिन्न नगरों से अयोध्या आने के लिए अतिरिक्त बसों का संचालन अभी स्थगित रखें। दर्शन के उपरांत जिस रूट के श्रद्धालु अधिक हों, उस ओर बसों को लगाकर श्रद्धालुओं को गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था हो। ऐसे रूट चिन्हित कर आवश्यकतानुसार रेलवे से कोऑर्डिनेट करते हुए ट्रेनों के संचालन के प्रयास होने चाहिए। परिवहन मंत्री स्वयं इस व्यवस्था को सुनिश्चित कराएं।