ददरी मेले में वेक्टर जनित रोगों के प्रति किया सचेत

  • मेले में आए लोगों को फाइलेरिया, कालाजार, डेंगू और चिकनगुनिया के प्रति किया गया जागरूक

बलिया। ददरी मेले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुक्रवार को स्टाल एवं पंपलेट वितरित कर मेले में आए लोगों को फाइलेरिया, कालाजार, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के प्रति जागरूक किया गया। इस दौरान जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने वेक्टर जनित समस्त बीमारियों के बारे में लोगों को विस्तार पूर्वक बताया।


जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया मच्छर जनित रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसे लिम्फोडिमा (हाथी पांव) भी कहा जाता है। इसके प्रभाव से पैरों व हाथों में सूजन, पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) और महिलाओं में स्तन में सूजन की समस्या आती है। यह बीमारी न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है, बल्कि इस वजह से मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। शुरू में डॉक्टर की सलाह पर दवा का सेवन किया जाए तो बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है। बताया कि इससे बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आस- पास व अंदर साफ-सफाई रखें, पानी जमा न होने दें और समय-समय पर रुके हुए पानी में कीटनाशक, जला हुआ मोबिल ऑयल, डीजल का छिड़काव करते रहें। बताया कि इससे बचने के लिए आईडीए अभियान के दौरान दो वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को दवा का सेवन करने की आवश्यकता है। दवा के सेवन से फाइलेरिया रोग से बचा जा सकता है। फाइलेरिया के मरीजों को प्रभावित अंग की अच्छी तरह से साफ-सफाई करनी चाहिए, जिससे किसी प्रकार के संक्रमण से मरीज प्रभावित न हो। इसके लिए उन्हें साफ-सफाई और दवा का सेवन नियमित रूप से करना जरूरी है।

इनसेट

डेंगू के लक्षण..

  • त्वचा पर चकत्ते, तेज सिर दर्द, पीठ दर्द, आंखों में दर्द, तेज़ बुखार, मसूड़ों से खून बहना, नाक से खून बहना, जोड़ों में दर्द, उल्टी, दस्त आदि।

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