दिल्ली में पहली बार गठबंधन में चुनाव लड़ रही कांग्रेस

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा और आप ने भले ही राजधानी की चुनावी रणभूमि में अपने योद्धा उतार दिए हों, लेकिन कांग्रेस अभी ऐसा नहीं करेगी। रणनीति के तहत पार्टी अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा और टाल सकती है। मंगलवार को होने वाली पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में भी राजधानी को लेकर कोई निर्णय या घोषणा होने के आसार कम ही हैं।

दिल्ली में पहली बार गठबंधन में चुनाव लड़ रही कांग्रेस
गौरतलब है कि इस बार दिल्ली में कांग्रेस पहली बार गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। आप से गठबंधन में उसे तीन और आप को चार सीटें मिली हैं। आप अपने हिस्से की चारों सीटों पर उम्मीदवार तय और घोषित कर चुकी है, लेकिन कांग्रेस ने अभी तक प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक पहले उम्मीदवारों के नाम इसलिए तय और घोषित नहीं हुए क्योंकि दिल्ली इकाई की स्क्रीनिंग कमेटी ने सीईसी को हर सीट पर तीन तीन नामों का पैनल भेजा था। इस पर सीईसी ने स्क्रीनिंग कमेटी को अपने स्तर पर ही एक एक नाम तय करके भेजने को कहा, लेकिन सीईसी के निर्देश पर उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया आगे बढ़ती, उससे पूर्व ही चुनाव का शेडयूल घोषित हो गया।

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दिल्ली में कब होगा मतदान?
दिल्ली में मतदान छठे चरण में 25 मई को होना है। यानी अभी दो महीने से भी अधिक समय है। ऐसे में पार्टी अब दिल्ली के संदर्भ में थोड़ी ढीली पड़ गई है।

वरिष्ठ पार्टी नेताओं का कहना है कि इतने लंबे समय तक प्रचार कर पाना किसी भी उम्मीदवार के लिए संभव नहीं हो पाता। उसका खर्चा भी बहुत बढ़ जाता है। इसलिए अभी कांग्रेस अपने प्रत्याशी उतारने में समय लगा सकती है।

सूत्रों की मानें तो मंगलवार को भी यही लग रहा है कि सीईसी की बैठक में संभवतया दिल्ली को शामिल नहीं ही किया जाएगा। मतलब, दिल्ली के उम्मीदवारों की घोषणा में अभी कम से कम 10 से 15 दिन और लिए जा सकते हैं।

स्क्रीनिंग कमेटी और प्रदेश इकाई की चली तो…
बताया जाता है कि अगर राज्यसभा सदस्य रजनी पाटिल के नेतृत्व वाली प्रदेश कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी एवं प्रदेश नेतृत्व की चली तो सीईसी उत्तर पूर्वी दिल्ली से पूर्व सांसद संदीप दीक्षित, चांदनी चौक

से पूर्व सांसद जयप्रकाश अग्रवाल और उत्तर पश्चिमी दिल्ली से पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान के नाम पर मुहर लगा सकती है। और अगर आलाकमान के निर्देश पर सीईसी ने हस्तक्षेप किया तो तीनों जगह बदलाव हो सकता है। उस स्थिति में उत्तर पश्चिमी दिल्ली से पूर्व सांसद उदित राज, चांदनी चौक से पूर्व विधायक अलका लांबा और उत्तर पूर्वी दिल्ली से किसी बाहरी उम्मीदवार को भी चुनाव लड़ाया जा सकता है।

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