सामुदायिक शौचालयों की हो नियमित साफ सफाई, ताला लटका मिला तो होगी कार्यवाही

डोर टू डोर हो कूड़ा कलेक्शन, आरआरसी सेंटर भेजा जाए कूड़ा – डीएम

लोगों को स्वच्छता अपनाने के लिए किया जाए प्रेरित, चलाया जाए जन जागरूकता कार्यक्रम

गोण्डा : सभी निर्मित सामुदायिक शौचालयों को चालू हालत में रखा जाए उसमें और नियमित साफ सफाई हो, साथ ही ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र से निकलने वाले कूड़े को आरआरसी सेंटर पर भेजा जाए इसके लिए जनजागरूकता कार्यक्रम चलाया जाए।उक्त निर्देश जिला स्वच्छता समिति की बैठक में समिति की अध्यक्ष जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सम्बधित अधिकारियों को दिये।गुरुवार को जिला पंचायत सभागार में जिला स्वच्छता समिति की बैठक आहूत की गई।इसमें कहीं बिंदुओं पर चर्चा की गई।इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाई जाए साथ ही कूड़े को आरआरसी सेंटर भेजा जाए, जहां पर आरआरसी सेंटर सक्रिय नहीं है उसे सक्रिय किया जाए। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन किया जाए लोगों को कूड़ा इधर-उधर ना फेंकने के प्रति जागरूक किया जाए। सामुदायिक शौचालय को पूरी तरह से चालू रखा जाए उसमें कोई भी टूट फूट हो तो उसे सही करा लिया जाए। किसी भी सामुदायिक शौचालय पर ताला लटकता ना मिले अन्यथा सम्बन्धित के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।

जिलाधिकारी ने इस अवसर पर जिला पंचायत राज अधिकारी लाल जी दूबे को निर्देश देते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में साफ सफाई पर विशेष बल दिया जाए, ताकि गर्मी के मौसम में वेक्टर जनित बीमारियों से आम जनमानस को सुरक्षित रखा जा सके और ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति अभियान चलाकर जागरूक करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधानों के साथ समन्वय स्थापित करके ग्रामीणों को जागरूक किया जाए की कूड़े का प्रबंधन जैसे गीला और सूखा कूड़े का निस्तारण अलग, गांव की साफ सफाई व्यवस्था सुदृढ रखी जाए।बैठक का संचालन जिला पंचायत राज अधिकारी के द्वारा किया गया।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी एम अरून्मौली,मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रश्मि वर्मा, परियोजना निदेशक चन्द्रशेखर, जिला विकास अधिकारी,जिला समाज कल्याण अधिकारी व अन्य संबंधित अधिकारी गण उपस्थित रहे।

शहरों की तर्ज पर पंचायतों की होगी रैकिंग

शहरी क्षेत्रों की तर्ज पर अब पंचायतों की भी ग्रेडिंग की जाएगी।केंद्र सरकार द्वारा इसको लेकर तय गाइडलाइन पर अमल के लिए पंचायती राज विभाग ने भी काम शुरू कर दिया है। इस पर जिलाधिकारी ने बताया कि समस्त संबंधित विभागों के डेटा पॉइंट्स की ग्राम पंचायतों द्वारा फीडिंग की जानी है तथा खंड विकास अधिकारी को डेटा फीड करवाने हेतु विकास खंड पर नोडल नामित किया गया। उन्होने कहा कि पीडीआई का मुख्य उद्देशय है कि ग्राम पंचायतों का कार्य प्रदर्शन तथा संबंधित विभागों के प्रयासों का आंकलन, क्रिटिकल गैप का चिह्नीकरण कर कार्ययोजना तैयार करना है, जिससे कि सतत विकास लक्ष्य को हासिल करने की और ग्राम पंचायत बढ़ सके।

ग्राम पंचायतों के आंकलन के अनुसार पूरे देशभर की ग्राम पंचायतों मे स्थान रैंक प्राप्त किया जाना। रैंक की अनुसार ही ग्राम पंचायत पुरस्कार हेतु पात्र मानी जाएंगी। क्रियान्वयन विधिः-ग्राम पंचायतों द्वारा डेटा पॉइंट के अनुसार पीडीआइ पोर्टल का प्रश्नों के उत्तर भरे जाएंगे। डाटा का सत्यापन संबंधित विभाग द्वारा किया जाएगा। सत्यापन के उपरांत खंड विकास अधिकारी द्वारा डेटा का अध्यन कर जांच करते हुए मुख्य विकास अधिकारी को अग्रसारित किया जाएगा। समस्त विकास खण्डों से डेटा प्राप्त होने के उपरांत राज्य स्तर को प्रेषित किया जायेगा।

ये नौ एसडीजी गोल के बिन्दु तय करेंगे ग्रेड

1-गरीबी मुक्त और उन्नत आजीविका

2-स्वस्थ गांव

3-बाल-सुलभ गांव

4-जल पर्याप्त गांव

5-स्वच्छ और हरित गांव

6-आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा

7-सामाजिक रूप से न्यायसंगत एवं सुरक्षित गांव

8-सुशासन

9-महिला हितैषी गांव

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