पुलिस आयुक्त ने सात दारोगा समेत 30 पुलिसकर्मियों को किया निलंबित

आगरा। पुलिस कमिश्नरेट में बुधवार को सात दारोगा समेत 30 पुलिसकर्मियों को एक साथ निलंबित कर दिया। इनमें 16 पुलिसकर्मियों पासपोर्ट रिपोर्ट लगाने के लिए घूस मांगने का आरोप है। अन्य पर सटोरिया से सांठगाठ, न्यायिक कार्य और विवेचना में लापरवाही समेत अन्य आरोप हैं। निलंबित होने वाले पुलिसकर्मियाें में पांच साइबर सेल के हैं। इनमें गुटबाजी का आरोप था।

पुलिस आयुक्त की फीड बैक सेल ने इन पुलिसकर्मियों को चिन्हित किया था। बुधवार रात को हुई कार्रवाई से विभाग में खलबली मच गई। पुलिस आयुक्त जे. रविन्दर गौड ने चुनााव से पहले बीट पुलिस अधिकारी (बीपीओ) प्रणाली लागू की थी। बीपीओ को निर्देश थे कि पासपोर्ट रिपोर्ट, चरित्र प्रमाण पत्र के बदले में घूस नहीं लेगा। बीपीओ और दारोगा की कार्यप्रणाली जानने को फीड बैक सेल बनाई थी। यहां तैनात पुलिसकर्मियाें को आवेदकों और पीड़ितों को फोन करके उनका फीड बैक लेगे।

पासपोर्ट रिपोर्ट लगाने के नाम पर मांगी थी रिश्वत
फीड बैक सेल की रिपोर्ट में पासपोर्ट मामले में रिपोर्ट लगाने के नाम पर घूस मांगने पर 16 पुलिसकर्मी फंस गए। सेल ने डीसीपी सूरज कुमार राय को रिपोर्ट भेजी थी। उन्होंने 16 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। जिसमें दो प्रशिक्षु समेत चार दारोगा, एक महिला आरक्षी, एक मुख्य आरक्षी और 10 पुलिसकर्मी शामिल हैं।

वहीं, छत्ता में आटो चालक से मारपीट के मामले में एक दारोगा समेत पांच पुलिसकर्मी, साइबर सेल में गुटबाजी में पांच पुलिसकर्मी निलंबित किए गए हैं। इंटरनेट मीडिया में रुपये मांगने का वीडियो प्रसारित होने पर हरीपर्वत थाने पर तैनात एक आरक्षी निलंबित किया गया है। एसीपी कोतवाली की कोर्ट में तैनात एक आरक्षी न्यायिक कार्य में लापरवाही बरतने और दो पुलिसकर्मी विवेचना में लापरवाही के चलते निलंबित हुए हैं।

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