नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस के सामने दो व्हिस्की की बोतलें पेश की गईं। इसे देखकर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और वहां मौजूद सभी वकील दंग रह गए। दरअसल, व्हिस्की ब्रांडों के ट्रेडमार्क के कथित उल्लंघन पर कानूनी लड़ाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में यह नजारा देखने को मिला, जब देश की सर्वोच्च अदालत के सामने शराब की बोतलें रखी गईं।
हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के पिछले नवंबर के फैसले के खिलाफ शराब प्रमुख पेरनोद रिकार्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो ‘ब्लेंडर्स प्राइड’ और ‘इंपीरियल ब्लू’ व्हिस्की का निर्माण और बिक्री करती है।
पेरनोद रिकार्ड ने कमर्शियल कोर्ट, इंदौर द्वारा पारित एक आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसने अस्थायी निषेधाज्ञा जारी करने के उनके आवेदन को खारिज कर दिया था। दरअसल, कंपनी ने अपने ट्रेडमार्क के उल्लंघन का आरोप लगाया था।
सीजेआई के सामने रख दी व्हिस्की की दोनों बोतलें
उच्च न्यायालय ने पेरनोद रिकार्ड की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि जेके एंटरप्राइजेज के मार्क में कोई समानता नहीं पाई गई, जिसे परनोड रिकार्ड के ट्रेडमार्क की नकल कहा जा सकता है। सुनवाई के दौरान पेरनोद रिकार्ड की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने पीठ को व्हिस्की की बोतलें दिखाईं। उन्होंने न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि दोनो बोतलें भी एक जैसी ही है।
इस हैरान कर देने वाले दृश्य को देखकर, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ, जिसमें जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा शामिल थे, वह जोर से हंसे और कहा, “आप अपने साथ बोतलें लाए हैं?” इसके बाद उन्होंने बताया कि इस मामले में ट्रेडमार्क का उल्लंघन कैसे हुआ? सीजेआई ने तब कहा कि मुद्दा यहां व्यापार पोशाक के बारे में है. बॉम्बे में मेरे एक फैसले में इस पहलू को शामिल किया गया है, जिसमें बोतल का आकार शामिल था।
‘क्या दोनों बोतलें ले जाएं?’
दोनों पक्षों को सुनने के बाद पीठ ने एक नोटिस जारी किया और मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी और दो सप्ताह के बाद सुनवाई तय की। इसके बाद वकील मुकुल रोहतगी ने डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच से पूछा कि क्या वह दोनों बोतलें अपने साथ ले जा सकते हैं, तो इस पर सीजेआई ने मुस्कुराते हुए कहा, “हां,प्लीज।”