चीन की नई बीमारी ने बढ़ायी, फिर से दुनिया की टेंशन!

चीन: श्वसन संबंधी बीमारियों के कारण चीन में अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में वृद्धि ने कोविड​​-19 महामारी के शुरुआती दिनों की यादें ताजा कर दीं, चीन में निमोनिया के प्रकोप ने उसके पड़ोसियों और कुछ अन्य देशों में चिंता बढ़ा दी है। लेकिन कोविड को लेकर चीन ने जो लापरवाही की थी, वो चीनी आश्वासन को संदिग्ध बनाता है। चीन के अस्पतालों में संक्रमण का पैमाना अभी तक नहीं हो पाया है। पिछले साल की तुलना में शंघाई के रेनजी अस्पताल में नवंबर के बाद से बाल चिकित्सा आउट पेशेंट यात्राओं में 175 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।

चीन एकमात्र ही ऐसा देश नहीं है, जहां श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि देखी जा रही है, नवंबर के मध्य में दक्षिण कोरिया में ऐसे मामलों में 31 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। जिसमें माइकोप्लाज्मा निमोनिया के मामले भी शामिल हैं। कड़े कोविड-19 प्रतिबंधों में ढील देने के बाद चीन में काफी तेजी से सांस संबंधी बीमारी बढ़ी है, खासकर बच्चों में काफी तेजी से बीमारी फैल रही है, लिहाजा अब डर सता रहा है, कि क्या चीन की ये नई बीमारी, एक बार फिर से दुनिया की टेंशन तो नहीं बढ़ाने वाला है?

चीन में बच्चों में सांस की बीमारी के बड़े पैमाने पर मामले सामने आने के बाद भारत, थाईलैंड और नेपाल सहित देश अलर्ट पर हैं। इसके प्रसार को रोकने के लिए एशियाई देशों द्वारा क्या उपाय किये जा रहे हैं? चीन श्वसन संबंधी बीमारियों में उछाल से जूझ रहा है, वही राजधानी बीजिंग और लियाओनिंग प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहे हैं।

चीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने संक्रमण में वृद्धि के लिए इन्फ्लूएंजा, राइनोवायरस, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस, एडेनोवायरस और बैक्टीरिया माइकोप्लाज्मा निमोनिया जैसे कई रोगजनकों के प्रसार को जिम्मेदार ठहराया है। चीन की राजधानी से लगभग 690 किमी उत्तर पूर्व में स्थित लियाओनिंग प्रांत में भी बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं। बीजिंग में एक बच्चों के अस्पताल ​​​​मे प्रतिदिन कम से कम 7,000 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है, जो उसकी क्षमता से काफी ज्यादा है।

वही नेपाल में इन्फ्लूएंजा और माइकोप्लाज्मा निमोनिया सहित श्वसन संक्रमण में भी वृद्धि दर्ज की गई है। काठमांडू के टेकु में सुक्रराज उष्णकटिबंधीय और संक्रामक रोग अस्पताल के प्रमुख ने बताया कि “बच्चों में फ्लू जैसे लक्षण तेजी से अनुभव हो रहे हैं। भारत को काफी ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है, हालांकि, केन्द्र सरकार ने राज्यों को सतर्क रहने और अस्पतालों में ऑक्सीजन समेत तमाम चिकित्सा सुविधाओं को दुरूस्त रखने के लिए कहा है, लेकिन लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।

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