ठंड में बच्चों में सर्दी, खांसी, निमोनिया और पीलिया होने की बढ़ जाती हैं संभावनाएं :डा.जेपी सिंह

  • सर्दी से बचाव के लिए घर से निकलने पर बच्चों को गर्म कपड़े जरूर पहनाएं
  • सर्दी अधिक होने से प्रभावित हो रही है लोगों की दिनचर्या

निष्पक्ष प्रतिदिन/लखनऊ

राजधानी सहित ग्रामीण क्षेत्र में कई दिनों से जारी कोहरे के कहर के चलते शुक्रवार को भी बादलों के बीच धुंध दिन भर छाई रही। दिन में छह किमी प्रति घंटे की गति से चली बर्फीली हवाओं ने परेशान किया। लगातार कई दिनों से सूरज के दर्शन नहीं होने से जिंदगी ठिठक गई। अधिकतम व न्यूनतम तापमान में एक-एक डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। भीषण ठंड से बचाव के लिए लोग अलाव के आसपास ही बैठकर दिन गुजार रहे हैं।मौसम विशेषज्ञों के अनुसार गुरुवार को लखनऊ में अधिकतम तापमान 17.2 डिग्री और न्यूनतम तापमान 10.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। दिन में नमी 64 फीसदी जबकि शाम गहराते ही 91 प्रतिशत रही। ओस गिरने का मानक 11 डिग्री सेंटीग्रेड दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले दिनों में पारा अभी और गिरेगा। गलन व कोहरे से राहत मिलने के आसार फिलहाल नहीं है।

   बख्शी का तालाब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक  डा. जेपी सिंह बताते हैं कि भीषण ठंड में बच्चों में सर्दी, खांसी, निमोनिया और पीलिया होने की संभावना रहती है। इस कारण उन्हें पूरे कपड़े पहनाकर रखें। उन्हें बाइक इत्यादि पर न ले जाएं। सुबह जल्दी पार्क इत्यादि में न ले जाएं। सांस के मरीजों को ठंडी हवा से बचना चाहिए। दवाएं सही समय से लेते रहें।डा. श्री सिंह ने सर्दी से बचाव के लिए जानकारी देते हुए बताया कि घर से निकलने पर गर्म कपड़े जरूर पहनें।दिन में चलने वाली हवाओं से बचने के टोपी या मफलर का प्रयोग करें। वहीं खाने में ज्यादा से ज्यादा हरी पत्तेदार सब्जियों का उपयोग करें।गर्म और ताजा खाना ही खाएं।रात में घर से बाहर कम ही निकलें एवं  सड़क किनारे स्थित दुकानों का खुला खाद्य पदार्थ न खाएं,और बीमार होने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल से दवा लें।सर्दी अधिक होने से लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित हो रही है। ऐसे में स्वास्थ्य बिगड़ने का खतरा रहता है। बच्चों, बुजुर्गों व सांस के मरीजों को बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है।

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