नई दिल्ली। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि इस समय दुनिया एक निर्णायक दौर में है और बदलाव का रुख मजबूती के साथ भारत के पक्ष में है। एयर चीफ मार्शल ने कहा कि ग्लोबल साउथ में भारत का उभरना अंतरराष्ट्रीय मामलों में एक महत्वपूर्ण बिंदु है।
वायु सेना प्रमुख ‘वैश्विक दक्षिण चुनौतियां और अवसर’ विषय पर एक संगोष्ठी को संबोधित किया। ग्लोबल साउथ या वैश्विक दक्षिण से तात्पर्य उन देशों से है, जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है और ये मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं।
वायु सेना प्रमुख ने कहा कि समृद्ध ऐतिहासिक परिदृश्य के साथ देश के औपनिवेशिक छाया से निकलने और एक प्रमुख वैश्विक केंद्रबिंदु के रूप में उभरने से कई चुनौतियां और अवसर सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि परस्पर संबद्धता से आकार लेने वाले भविष्य को आगे बढ़ाने के लिए जटिल गतिशीलता को समझना महत्वपूर्ण है। सेंटर फार एयर पावर स्टडीज ने 20वीं सुब्रतो मुखर्जी संगोष्ठी का आयोजन किया था।
उन्होंने इस अवसर पर कहा कि जब हम नये आसमान में उड़ान भरने वाले हैं तो राष्ट्र की शक्ति के अहम कारक के रूप में वायु शक्ति निसंदेह अहम भूमिका निभाएगी और राष्ट्रीय शक्ति के प्रतीक के रूप में तथा शांति एवं सहयोग के साधन के रूप में काम करेगी।
एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि वायु सेना प्रगति, रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और ग्लोबल साउथ को सामूहिक रूप से आगे बढ़ाने की दिशा में उत्प्रेरक के रूप में काम कर सकती है। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि साझा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने और क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए हमारी वायु शक्ति भागीदारी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि हमने इन देशों के साथ प्रशिक्षण और सहयोग का दायरा बढ़ाया है।
वैश्विक घटनाक्रम पर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों का परिदृश्य लगातार बदल रहा है और पारंपरिक शक्ति संरचनाओं को चुनौती दी जा रही है। उन्होंने कहा कि वैश्विक संघर्ष का खतरा मंडरा रहा है, जो वैचारिक विभाजन, संसाधनों की कमी और जलवायु परिवर्तन से प्रेरित है। इससे आर्थिक असमानता और संसाधन शोषण जैसी परस्पर जुड़ी चुनौतियां पैदा हुई हैं।