इसी साल के अंत तक छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दल पूरी तैयारियों के साथ जुट गए हैं। राज्य में दो राजनैतिक दलों के बीच मुकाबला देखने को मिल रहा है। यह दोनों दलों में सत्तारुढ़ कांग्रेस और प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी है। बता दें कि साल 2023 की शुरूआत में कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक चुनाव में जीत हासिल की और पार्टी एक बार फिर छत्तीसगढ़ में भी उसी प्रदर्शन को दोहराने के प्रयास में हैं। आदिवासियों की बड़ी आबादी वाले इस हरे-भरे राज्य में कांग्रेस के दिग्गज सत्ता में बने रहने की रणनीति तैयार कर रहे हैं
कांग्रेस-बीजेपी की टक्कर
राज्य की 90 सदस्यों वाली विधानसभा का साल 2023 के आखिरी तक होने के आसार हैं। वर्तमान में राज्य की सत्ता पर अभी कांग्रेस का कब्जा है, पार्टी सत्ता को बरकरार रखने की पुरजोर कोशिश करेगी। वहीं बीजेपी भी कांग्रेस को कांटे की टक्कर देने के साथ ही सत्ता में वापसी की कोशिशों में जुटी है। हालांकि चुनाव आयोग ने अभी तक चुनावों की तारीखों का ऐलान किया है। लेकिन छत्तीसगढ़ के राजनीतिक माहौल की सरगर्मियां हर दिन बढ़ती जा रही हैं।
कांग्रेस का टिकट बंटवारा
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी समेत तमाम सियासी दल अपनी पूरी ताकत झोंके हुए हैं। बीजेपी ने जहां 21 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। लेकिन कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर विचार-विमर्श का दौर चल रहा है। हालांकि कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस के दो दर्जन से ज्यादा विधायकों की जीत पक्की नहीं मानी जा रही है। ऐसे में टिकट बांटने में हो रही देरी की एक बड़ी वजह यह भी हो सकती है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कांग्रेस टिकटों के ऐलान में इसलिए भी देर कर रही है, जिससे कि टिकट कटने पर मौजूदा विधायकों की नाराजगी से ज्यादा नुकसान ना हो। क्योंकि बीजेपी और बीएसपी अपने-अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी हो चुकी है।
एंटी-इनकंबेंसी की चुनौती
छत्तीसगढ़ में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। साल 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान 68 सीटों पर कांग्रेस पार्टी ने शानदार जीत हासिल की थी। जबकि राज्य में बीजेपी सिर्फ 15 सीटों पर ही सिमट कर रह गई थी। कांग्रेस पार्टी से अलग होकर पार्टी बनाने वाले पूर्व सीएम जित जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस को साल 2018 के विधानसभा चुनावों में 5 सीटें और बीएसपी 2 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। साल 2018 की तरह ही इस बार भी राज्य में कांग्रेस और बीजेपी में कड़ा मुकाबला होने वाला है। लेकिन इस बार चुनावों में कांग्रेस को एंटी इनकंबेंसी यानी की सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ सकता है