महावन। ये आस्था का आंगन था। श्रद्धा की होली में संत-महंत क्या श्रद्धालु भी खूब भीगे। कहीं फूलों की होली हुई, कहीं खूब गुलाल उड़ा। टेसू के रंग की एक-एक बूंद पाने को श्रद्धालु व्याकुल था। मौका था गोकुल स्थित कार्ष्णि रमणरेती आश्रम की। गोपाल जयंती महोत्सव के चौथे दिन ठाकुर रमण बिहारी के आंगन में होली खेली गई।
आश्रम वृंदावन के रासमंडल के कलाकारों ने होली का मोहक मंचन किया। कार्ष्णि पीठाधीश्वर गुरुशरणानंद महाराज ने ठाकुर जी के स्वरूपों की आरती उतार कर की।
रासमंडल के कलाकारों ने रसिया गाकर होली का माहौल बनाया।
11 कुंतल फूलों से खेली गई होली
गुरुशरणानंद ने राधाकृष्ण के स्वरूपों पर लड्डू लुटाए। उनके साथ लठामार होली खेली। 11 कुंतल फूलों से होली हुई। अयोध्या के संत स्वामी रामानुजाचार्य भी रहे।
टेसू के फूलों से तैयार रंगों को पिचकारी से एक-दूसरे पर उड़लने को संत भी व्याकुल रहे। कार्ष्णि हरदेवानंद महाराज,गोविंदानंद महाराज, नागेंद्र महाराज, बृजेशानंद महाराज, दिव्यानंद महाराज, उमेश जटवानी, चंदर अरोड़ा, विजय अजवानी, नीरज मिश्रा, राजेश नकेड़ा मौजूद रहे।