फेफना के निधरिया गांव का मामला
बलिया। शहर कोतवाली पुलिस ने धोखाधड़ी, कूटरचना व धमकी देने के आरोप में 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गुरूवार की सुबह जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। फेफना थाना क्षेत्र के निधरिया निवासी देवनाथ गोंड ने कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर बताया है कि वह अनुसूचित जनजाति से हैं और गांव के कुछ लोगों से जमीन सम्बंधित विवाद चल रहा है। मेरा बड़ा बेटा दिलीप शिक्षक तथा छोटा गोविंद उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही है। देवनाथ का आरोप है कि विरोधियों ने हमें फंसाने के लिए ओबीसी भड़भुजा का फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया। उक्त प्रमाण पत्र के साथ शिकायती पत्र आईजीआरएस पोर्टल पर डाल दिया। शिकायत में विरोधियों ने लिखा कि दिलीप पिछड़ी जाति का है तथा अनुसूचित जनजाति का लाभ ले रहा है। देवनाथ के अनुसार शिकायती पत्र पर हस्ताक्षर गांव के अख्तर साई के हैं, जबकि ओटीपी की पुष्टि मो. अब्दूल गफ्फार के मोबाइल से की गयी है। इसकी जांच बीईओ बेरुआरबारी को मिली तो उन्होंने तहसील से रिपोर्ट मांगी। तहसीलदार सदर कार्यालय ने आख्या रिपोर्ट दी कि दिलीप को वर्ष 2011 में अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है। पिछड़ी जाति के प्रमण पत्र की जांच में देवनाथ का नाम दर्ज होना नहीं पाया गया। देवनाथ के अनुसार आरोपियों द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र फंसाने के लिए तैयार किया गया है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर निधरिया निवासी अब्दुल गफ्फार, उसके पुत्रों रफी, सफी, राजिद, मेंहदी हसन, अख्तर साई, उसके भाईयों मजहर, सौदागर, गुप्तेश्वर व आदित्य के खिलाफ केस दर्ज किया है।