शाजापुर। देखरेख के अभाव में विभिन्न पार्टियों में सेवा देने के बाद भाजपा में आए नेता के वेयर हाउस में रखा करोड़ों रुपये का सरकारी गेहूं और चना खराब हो गया। मामले में अधिकारियों ने वेयर हाउस संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है हालांकि गेहूं खराब होने के मामले में जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका भी संदेहास्पद नजर आ रही है, क्योंकि सूत्रों की मानें तो अधिकारियों ने भाजपा नेता को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उसके खस्ताहाल वेयर हाउस में करोड़ों रुपये के गेहूं-चने का भंडारण कर दिया। वहीं अधिकारियों ने समय-समय पर गोदाम पहुंचकर गेहूं, चने की स्थिति का जायजा भी नही लिया जिसके कारण अनाज खराब हो गया और सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।
फिलहाल अधिकारी की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने वेयर हाउस संचालक के विरूद्ध विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। दरअसल ग्राम बरवाल के समीप धुरंदर चौधरी पिता रामेश्वर चौधरी का भागीरथ एग्रो वेयर हाउस है जिसमें जिम्मेदार अधिकारियों ने करीब 4 हजार 145 मैट्रिक टन गेहूं और सरकारी चना रखा था। अधिकारियों का मानना है कि वेयर हाउस संचालक के द्वारा उचित भंडारण नही करने पर 11 करोड़ 51 लाख रुपए से ज्यादा का अनाज खराब हो गया है जिसके आधार पर भाजपा नेता रामेश्वर चौधरी के पुत्र धुरंदर चौधरी के खिलाफ धारा 405, 409, 353 और मध्य प्रदेश एग्रीकल्चर वेयरहाउसिंग एक्ट 1947 के तहत शाजापुर थाने में प्रकरण दर्ज कराया गया है।
एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है। जबकि अनाज खराब होने में विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली भी संदेह के घेरे में नजर आ रही है। जिन्होनें नियमों को दरकिनार करते हुए करोड़ों रुपये का सरकारी अनाज जर्जर गोदाम में भंडारण करा दिया। मामले की निष्पक्ष जांच की जाए तो कई विभागीय अधिकारी भी बेनकाब हो सकते हैं?
जर्जर गोदाम में क्यों रखा गया करोड़ों का सरकारी अनाज ?
बरवाल के समीप स्थित भाजपा नेता के जर्जर वेयर हाउस गोदाम में रखा करोड़ों रुपये का सरकारी अनाज खराब हो चुका है, लेकिन अब सवाल यह उठता है कि पहले से जर्जर हो चुके वेयर हाउस में जिम्मेदार अधिकारियों ने करोड़ों रुपये के अनाज को रखने की मेहरबानी क्यों दिखाई? वहीं अनाज रखने के बाद अधिकारियों ने सरकारी अनाज की देखरेख में वेयर हाउस संचालक के द्वारा बरती जा रही लापरवाही पर नजर क्यों नही रखी? ऐसे में यह सभी सवाल जनचर्चा बने हुए है कि गोदाम में रखा करोड़ों रुपये का अनाज एक ही दिन में तो खराब नही हुआ होगा? यदि जिम्मेदार अधिकारी समय रहते वेयर हाउस में रखे अनाज की सुध लेकर जायजा लेते रहते तो सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान नही उठाना पड़ता है। सरकारी अनाज के खराब होने में वेयर हाउस संचालक के साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली पर भी जांच की जानी चाहिए। करोड़ों के अनाज खराब होने के मामले में वेयर हाउस विभाग के मैनेजर सुमित शर्मा से चर्चा करनी चाही, परंतु उन्होने बारबार संपर्क करने पर भी फोन रिसीव नही किया।