रामनगरी अयोध्या में विश्वस्तरीय भारतीय मंदिर संग्रहालय के निर्माण के प्रस्ताव को कैबिनेट ने दी स्वीकृति

लखनऊ। रामनगरी अयोध्या में विश्वस्तरीय भारतीय मंदिर संग्रहालय के निर्माण के प्रस्ताव को कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है। संग्रहालय के निर्माण के लिए टाटा संस की ओर से कारपोरेट सामाजिक दायित्व कोष (सीएसआर फंड) से 650 रुपये व्यय किए जाएंगे। साथ ही बुनियादी सुविधाओं व संग्रहालय परिसर के विकास पर भी टाटा संस 100 करोड़ रुपये व्यय करेगा।

इस संदर्भ में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि सरयू नदी के किनारे 50 एकड़ भूमि पर संग्रहालय निर्माण होगा। इसके लिए पर्यटन विभाग की तरफ से एक रुपये में 90 वर्षों के लिए पट्टे पर भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि अयोध्या एक विश्वस्तरीय धार्मिक एवं आध्यात्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा है। अयोध्या में वर्ष 2021 में 1.58 करोड़, 2022 में 2.40 करोड़ तथा 2023 में 5.75 करोड़ पर्यटक आए थे।

वर्ष 2024 में जनवरी से प्रति दिन दो लाख से ज्यादा पर्यटक अयोध्या आ रहे हैं। श्रीराम जन्मभूमि परिसर, कनक भवन तथा हनुमानगढ़ी पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र हैं। टाटा संस की तरफ से अयोध्या में विश्वस्तरीय भारतीय मंदिर संग्रहालय के निर्माण व परिसर के विकास के लिए कुल 750 करोड़ रुपये व्यय किए जाने का प्रस्ताव दिया गया था।

शाकुम्भरी देवी धाम के पर्यटन विकास के लिए उपलब्ध करवाई जाएगी भूमि
कैबिनेट की बैठक में मां शाकुम्भरी देवी धाम के पर्यटन विकास के लिए 0.369 हेक्टेयर भूमि निशुल्क उपलब्ध करवाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। मां शाकुम्भरी देवी का मंदिर सहारनपुर से 45 किलोमीटर दूर शिवालिक पर्वत श्रृंखला में स्थित है। देश के 51 शक्तिपीठों में शामिल इस मंदिर में मां के दर्शन के लिए पंजाब, उत्तराखंड, उप्र, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश से श्रृद्धालु आते हैं। धाम के पर्यटन विकास के लिए सहारनपुर की तहसील बेहट के ग्राम मिरगपुर पांजूवाला की 0.369 हेक्टेयर भूमि निश्शुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी। इस भूमि का सर्किल रेट 22,14,000 है।

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