रास्ते के सीसी कैमरों मोबाइल लोकेशन की जांच हो – हाईकोर्ट

आदेश से मचा हड़कंप,फर्जी गुडवर्क की खुलेगी पोल

🌑अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीस के आदेश को हाईकोर्ट ने पलटा

त्रिलोकपुर- एक साल पूर्व एक तस्कर को 3 किलो मार्फीन में जेल भेजने के मामले में हाईकोर्ट ने अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीस कोर्ट नंबर 10 बाराबंकी के 22 दिसंबर 023 के फैसले को पलटते हुए नया आदेश जारी किया है। इस मामले की मजबूत पैरवी कर रहे उच्च न्यायालय के अधिवकता फारूक अय्यूब ने बताया कि हाईकोर्ट ने अपने 7 फरवरी 024 के आदेश मे कहा है की आवेदक मो. सहीम पुत्र तसव्वर की दलील पर विचार किये बिना सरसरी तौर पर खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट ने कहा (राज्य बनाम सहीम) मामले में अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश, कोर्ट संख्या 10, बाराबंकी द्वारा पारित आदेश दिनांक 22.12.2023 को रद्द कर दिया गया है। और ट्रायल कोर्ट को इस आदेश में की गई टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए आवेदक द्वारा दायर आवेदन पर नए सिरे से निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
हाईकोर्ट के माननीय न्यायाधीश सुभाष विद्यार्थी ने अपने आदेश में स्पस्ट रूप से कहा कि लखनऊ से लेकर बाराबंकी तक सहीम को पकड़ कर लाने वाले दरोगा आलोक सिंह सिपाही अमित सीपी महेश सिंह और आरोपी का लोकेशन सार्वजनिक स्थानों पर लगे कैमरों के सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल रिकॉर्ड, बतौर साक्ष्य इकठ्ठा किये जायें।

क्या है पूरा मामला :
थाना जैदपुर के टिकरा उसमे निवासी सहीम पुत्र तसव्वर ने हाईकोर्ट से गुहार लगाते हुए बताया था कि साढू के लड़के मुन्तसिर को बोर्ड की परीक्षा दिलाने दिनांक 26.02.23 को लखनऊ गया था और रात हो जाने के कारण मलेशेमऊ लखनऊ में रूक गया था। दिनांक 27.02.23 को समय लगभग 10 बजे प्रातः कुछ पुलिस वाले वहाँ आकर जबरन अपने साथ पकड़ कर जैदपुर थाने ले आये। और बराबर थाने पर बैठाये रखा घर वालो से नाजायज धन की मांग करते रहे और मांग पूरी न होने पर फर्जी मार्फीन केश बनाकर जेल भेज दिया । पीड़ित का दावा है कि उसके मामले की जांच होने पर पुलिस का गुडवर्क फर्जी साबित हों जाएगा।

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