रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर बच्चों ने दर्शकों किया मंत्र मुग्ध

भ्रूण हत्या पर नाटक प्रस्तुत कर बच्चों ने दर्शकों को रुलाया

सेंट जॉन कान्वेंट स्कूल में मनाया गया धूमधाम से वार्षिकोत्सव

विज्ञान प्रदर्शनी देख अभिभावकों ने की बच्चों की सराहना

बलिया। नगर से सटे मिड्ढा गांव स्थित सेंट जान कॉन्वेंट स्कूल में रविवार की शाम वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान बच्चों ने एक से बढ़कर एक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर दर्शकों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ अल्पसंख्यक राज्यमंत्री दानिश अंसारी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। जबकि कार्यक्रम का समापन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने कक्षा में उत्कृष्ट आए बच्चों को स्मृति चिह्न व रिजल्ट देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान साइंस साइड के बच्चों ने परिसर में एक से बढ़कर एक प्रदर्शनी का मॉडल बनाकर दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। यह प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र बनी रही।

सबसे पहले सरस्वती वंदना बच्चों ने प्रस्तुत कर कार्यक्रम का आगाज किया। इसके बाद छात्राओं ने ओ रे पिया गीत पर शानदार नृत्य प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी। ततपश्चात भगत सिंह पर शॉर्ट फिल्म का मंचन बच्चों द्वारा प्रस्तुत किया गया। वही बच्चों ने कौन दिशा में लेके चले रे बटोहिया पर नृत्य प्रस्तुत किया। वही भ्रूण हत्या पर बच्चों ने नाटक के माध्यम से लड़कियों को गर्भ में मारने वाले माता-पिता को जागरूक करने का किया। नाटक में जब राहुल को पता चलता है कि उसकी पत्नी के गर्भ में बेटा नहीं बेटी है। इसके बाद राहुल आगबबूला हो जाता है और पत्नी को एबॉर्शन कराने को कहता है। लेकिन पत्नी राजी नहीं होती है। जिसके बाद वह पत्नी को धक्के दे देता है। उधर गर्भ में पल रही लड़की मां से सपने में बाहर आने की गुहार लगाती है। वह देश दुनिया को देखना चाहती है। लेकिन मां पति के सामने लाचार दिखती है और एक दिन उसकी मौत हो जाती है। जब उसका पति घर पर आता है तो पत्नी को मरा देख चिल्लाने लगता है कि मुझे बेटा नहीं पत्नी चाहिए।

वह बार-बार भगवान व देवी देवताओं से माफी मांगता है और बेटी-बेटा में अंतर के लिए बार-बार क्षमा याचना करता है। लेकिन स्वप्न में आई नौ देवियों ने उसे बार-बार दिखती हैं और संसार में आने से मना करती हैं। लेकिन लाचार बाप बार-बार क्षमा याचना करता है और माफी मांगता है। अंत में सभी से गुहार लगाता है कि आप गर्भ में बेटियों को ना मारे, उन्हें भी समाज में आने दे और उनका सम्मान करें। क्योंकि बेटा एक कल को बढ़ाता है और बेटियां दो कल को बढ़ाती है। यह मार्मिक नाटक देख दर्शकों के आंसू छलक पड़े। इसके अलावा टुकुर टुकुर, उ मा तू कितनी अच्छी है, नगाड़े संग ढोल बाजे, मुकाबला, तेरी मिट्टी, नैनो वाले, 10 बहाने, अच्युतम केशवम, पल्लू लटके, काला चश्मा आदि गीतों पर बच्चों ने नृत्य एवं गायन प्रस्तुत कर दर्शकों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। इसके अलावा साइंस के बच्चों ने एक से बढ़कर एक मॉडल बनाकर दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। इस मौके पर संस्थापक इंद्रजीत सिंह, प्रबंधक शैलेंद्र कुमार सिंह, अमित राय, विनोद कुमार पांडेय, जुनैद अंसारी, श्रवण कुमार, अंकित राय, संजू यादव, अनीता श्रीवास्तव, सबीना व अन्य अध्यापकगण मौजूद रहे।

इन बच्चों को किया गया सम्मानित

बलिया। नर्सरी में हमजा आफताब, एलकेजी में सूर्य सिंह, यूकेजी में आफिया आफताब, क्लास वन में रोहित चौहान, क्लास 2 में सिमी शर्मा, क्लास 3 में साकिम हसन, क्लास फोर्थ में जूही खरवार, क्लास 5 में मनीषा यादव को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने स्मृति चिन्ह व रिजल्ट देकर सम्मानित किया। इसके अलावा क्लास सिक्स में शिवांगी केसरी, क्लास 7 में प्रियांशु यादव, कक्षा 8 में मुस्कान ठाकुर, कक्षा 9 में आशीष कुमार, कक्षा 11 में शशि चौरसिया और आर्यन गुप्ता को स्मृति चिन्ह व रिजल्ट देकर सम्मानित किया।

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