लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने पश्चिम यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग कर नया मुद्दा खड़ा कर दिया है। हालांकि भाजपा की ओर से इस पर कोई बयान नहीं आया है। मगर इस मांग पर मोदी सरकार के अन्य मंत्री ही सहमत नहीं है। वहीं, भाजपा के सहयोगी दल भी इसके खिलाफ हैं
केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने पश्चिम यूपी को अलग राज्य बनाकर मेरठ को उसकी राजधानी बनाने की मांग उठाई है। बालियान की इस मांग को लेकर पार्टी के अंदर ही विरोध शुरू हो गया है। मंगलवार को लखनऊ में केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने वीवीआईपी गेस्ट हाउस में मीडिया से बातचीत में कहा कि फिलहाल यूपी के बंटवारे की कोई आवश्यकता नहीं है। यह निर्णय केंद्र सरकार को करना है और केंद्र का ऐसा कोई विचार भी नहीं है। केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास राज्य मंत्री कौशल किशोर ने भी कहा कि यूपी का बंटवारा नहीं होना चाहिए। बालियान ने ऐसी मांग क्यों है, इसके बारे में वह ही बता सकते हैं।
उधर, भाजपा के सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने भी इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यदि पश्चिम को अलग राज्य बनाया गया तो वह मिनी पाकिस्तान बन जाएगा।
भाजपा रही है छोटे राज्य की समर्थक
भाजपा हमेशा से ही छोटे राज्य की समर्थक रही है। एनडीए की सरकार के समय ही बिहार से अलग कर झारखंड, यूपी से अलग कर उत्तराखंड और मध्य प्रदेश से अलग कर छत्तीसगढ़ राज्य बनाया गया था।
पहले भी उठी है तीन राज्य की मांग
यूपी की आबादी के लिहाज से इसे तीन राज्यों में बंटवारे की मांग पहले भी उठी है। इसमें उत्तर प्रदेश, पश्चिमांचल और पूर्वांचल राज्य बनाने की मांग उठी थी।
मायावती ने दिया था चार राज्य बनाने का प्रस्ताव
बसपा सरकार के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने वर्ष 2011 में उत्तर प्रदेश को हरित प्रदेश, अवध, पूर्वांचल और बुंदेलखंड राज्य बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था।