माननीय अध्यक्ष महोदय,
● यदि हम किसी समाज-संस्कृति में उच्चतम आदर्शों की कल्पना करें तो रामराज्य की संकल्पना के बाहर नहीं जाया जा सकता है।
● समाज में परस्पर सहयोग एवं विश्वास, न्याय आधारित सुशासन, अपराध शून्यता तथा वर्गभेद का पूर्ण अभाव, धर्मानुकूल आचरण को रामराज्य की प्रमुख विशेषताओं के रूप में निरूपित किया जा सकता है।
● मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम का जीवन हजारों वर्षों से भारत और विश्व को महत्तर जीवन आदर्शों की ओर अग्रसर होने को प्रेरित करता रहा है।
● पिता के वचन का मान रखने के लिये समस्त राजसी वैभव को निःसंकोच त्याग कर वनवास के लिये प्रस्थान करना और दुष्टों और अधर्मियों का दृढ़तापूर्वक दलन करना ऐसे राजधर्म का अनुपम उदाहरण कहीं और नहीं मिलता।
● यदि यह कहा जाये कि आज हमारे प्रदेश का शासन कहीं न कहीं रामराज्य की अवधारणा से अनुपे्ररित है और सामाजिक-सांस्कृतिक, आर्थिक एवं आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर है तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी।
● मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी के भव्य मन्दिर का अयोध्या में निर्माण होने से हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र को बहुत प्रोत्साहन मिला है।
● अयोध्या विश्व का बहुत बड़ा पर्यटन केन्द्र बन गया है, यहां पर भारत और विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या में बहुत बड़ा इजाफा हुआ है, जिससे हमारी आर्थिक स्थिति को बढ़ावा मिलेगा।