गांधीनगर । गुजरात सरकार ने वर्ष 2024-25 के बजट में शिक्षा, जलापूर्ति, शहरी विकास समेत स्वास्थ्य के क्षेत्र पर सर्वाधिक जोर दिया है। इन चार विभागों के बजट में सर्वाधिक राशि का प्रावधान किया गया है। सबसे अधिक शिक्षा के लिए 55 हजार 114 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
शिक्षा विभाग के तहत संचालित होने वाला मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सलेंस के तहत सरकारी अनुदानित स्कूलों में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा को मजबूत करना लक्ष्य है। स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं के लिए सरकार ने प्राथमिकता दी है। सरकारी प्राथमिक स्कूलों में 15 हजार नए कमरे बनाने का काम पूरा किया गया है। 15 हजार से अधिक कमरों का काम अभी चल रहा है। सरकार ने 65 हजार से अधिक स्मार्ट क्लासरूम भी बनाया है। वहीं, 45 हजार क्लासरूम का काम भी चल रहा है। 6 हजार स्कूलों में 1 लाख कंप्यूटर दिया जाएगा। अन्य 15 हजार स्कूलों में 2 लाख कंप्यूटर देने का काम प्रगति पर है। 162 नए सरकारी माध्यमिक स्कूलों और 10 आरएमएसए माध्यमिक स्कूल शुरू किए जाएंगे। पिछले साल शिक्षा का बजट 11463 करोड़ रुपये था, जो इस बार बढ़ा कर 55114 करोड़ रुपये किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग का बजट पिछले साल के 15181 करोड़ रुपये में 32.4 फीसदी बढ़ा कर 20100 करोड़ रुपये किया गया है। सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत संरचना को सुदृढ़ बनाने को संकल्पित है। प्राथमिक स्वास्थ्य से लेकर सुपर स्पेश्यलिस्ट सेवाओं को मजबूत करना सरकार का लक्ष्य है। मातृ एवं बाल कल्याण की योजनाओं को बजट में विशेष महत्व दिया गया है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पैनल में शामिल 2531 निजी और सरकारी हॉस्पिटल में 10 लाख तक कैशलेस इलाज के लिए 3110 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के साथ त्रिस्तरीय स्वास्थ्य व्यवस्था के तहत सभी स्वास्थ्य केन्द्रों के निर्माण और साधनों की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 2308 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान है। जीएमईआरएस संचालित मेडिकल हॉस्पिटल के निर्माण, रखरखाव और संचालन के लिए 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा बजट में शहरी विकास और शहरी गृह निर्माण विभाग के लिए 21 हजार 696 करोड़ का प्रावधान है। इसमें गांधीनगर के गिफ्ट सिटी को 900 एकड़ से बढ़ा कर 3300 एकड़ में किया जाएगा। मार्ग और मकान विभाग के लिए 22 हजार 163 करोड़ रुपये का प्रावधान है। जल संपत्ति विभाग के लिए 11535 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। जबकि जलापूर्ति विभाग पर सरकार 6242 करोड़ रुपये खर्च करेगी। कृषि विभाग के लिए सरकार ने 22 हजार 194 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। वन एवं पर्यावरण विभाग के लिए 2586 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
क्लाइमेंट चेंज के लिए अलग से 1163 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। गृह विभाग में 10 हजार 378 करोड़ रुपये और कानून विभाग पर 2559 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। राजस्व पर 5195 करोड़ और सामान्य प्रशासन विभाग पर 2239 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान है।