उत्तर प्रदेश: डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने डा. भीमराव अम्बेडकर को परिनिर्वाण दिवस अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित किया है. साथ ही सरकार से गरीबों की दुर्दशा के लिए अपनी मांग रखी है. उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया और डिमांड सोशल मीडिया के जरिए रखी है.
मायावती ने लिखा, ‘लगभग 140 करोड़ की विशाल आबादी वाले भारत के ग़रीबों, मज़दूरों, दलितों, आदिवासियों, अतिपिछड़ों सहित उपेक्षित बहुजनों के मसीहा व देश के मानवतावादी समतामूलक संविधान के निर्माता भारतरत्न परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को आज उनके परिनिर्वाण दिवस पर अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित.’
यह स्थिति अति-दुखद
बसपा चीफ ने कहा, ‘किन्तु देश के 81 करोड़ से अधिक ग़रीब लोगों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न के मोहताज का जीवन बना देने जैसी दुर्दशा ना यह आज़ादी का सपना था और ना ही उनके लिए कल्याणकारी संविधान बनाते समय बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने सोचा था, यह स्थिति अति-दुःखद.’
उन्होंने कहा, ‘देश में रोटी-रोज़ी के अभाव एवं महंगाई की मार के कारण आमदनी अठन्नी भी नहीं पर खर्चा रुपया होने के कारण गरीब, मजदूर, छोटे व्यापारी, किसान, मध्यम वर्ग सहित सभी मेहनतकश समाज की हालत त्रस्त व चिन्तनीय, जबकि संविधान को सही से लागू करके उनकी हालत अब तक काफी संवर जानी चाहिए थी.’
बीजेपी का रिएक्शन
वहीं बीजेपी ने भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर लिखा, ‘राष्ट्रवाद तभी औचित्य ग्रहण कर सकता है, जब लोगों के बीच जाति, नस्ल या रंग का अंतर भुलाकर उसमें सामाजिक भ्रातृत्व को सर्वोच्च स्थान दिया जाए. संविधान निर्माता, भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि.’