जगदीशपुर-अमेठी। बीती दिनों से रुक-रुक कर हो रही बेमौसम बारिश ने ईंट भट्ठा व्यवसाईयों को भारी नुकसान पहुंचाया है बेमौसम बारिश में क्षेत्र के अंतर्गत आर्थिक संकट से जूझ रहे ईंट भट्ठा कारोबारी की कमर तोड़ कर रख दिया है जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ है पिछले दो दिनों से हो रही बेमौसम बरसात से कच्ची ईंटें गलकर बर्बाद हो गई हैं। विकास खंड के अंतर्गत बड़ागांव, मुजाहिदखानी, दिछौली, थौरी, बिराहिम बाजगढ़, गडरियाडीह, कंजास, इमलीगांव, वारिसगंज, डोमाडीह, हारीमऊ व उत्तरगांव आदि गांवों मे दर्जनों से अधिक ईंट भट्ठा संचालित है ईंट भट्टों पर लाखों की संख्या में कच्ची ईंटों को खुले आसमान के नीचे सूखने के लिए रखा जाता है जिन्हें सूखने के बाद के ईंट भट्टों के अंदर डालकर कोयला लकड़ी आदि ईंधनों का प्रयोग कर पकाया जाता है और उसके बाद बिक्री की जाती है। बीते शुक्रवार से लगातार हो रही रुक-रुक कर बेमौसम बरसात ने फड़ में पथी कच्ची ईंटों को बर्बाद कर दिया।
ईंट कारोबारियों की माने तो बीते दिनों से रुक-रुक कर हो रही बरसात में भठ्ठों पर पकाने के लिए तैयार की गई कच्ची ईंटें पानी में गलकर खराब हो गई। ईंट व्यवसायियों ने बताया कि बरसात होने के चलते ईंट भट्टों पर काफी नुकसान हुआ है लाखों की संख्या में कच्ची ईंटें बारिश की भेंट चढ़ गई। ईंट भट्ठा कारोबारी जुबेर खान पप्पू, श्रीराम प्रजापति व अनिल शर्मा आदि ने बताया कि उनके ईंट भट्टों पर कच्ची ईंटों की पथाई का कार्य तेज गति से चल रहा था फड़ पर तैयार कच्ची ईंटों को बेमौसम बरसात ने बर्बाद कर दिया।पथी कच्ची ईंटें खराब होने से काफी नुकसान हुआ है इससे भट्ठा कारोबारियों के साथ-साथ ईंट पाथने वाले श्रमिकों का भी काफी नुकसान हुआ है। ईंट भट्ठा संचालकों का कहना है कि बे मौसम बरसात ने कमर तोड़ कर रख दिया है। फड़ पर पथी कच्ची ईंटों में पानी भर जाने के कारण गलकर खराब तथा कच्ची ईंटों की लगी दिवाल नीचे गिर कर बर्बाद हो गई जिससे ईंट भट्ठा कारोबारियों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा है इसमें प्रशासन को उचित कदम उठाना चाहिए तथा भट्ठा चलाने के लिए कुछ आर्थिक मदद करना चाहिए जिससे सभी ईंट उद्यमियों को अपनी जीविका चलाने के लिए ईंट भट्टों को संचालित कर सकें।