शार्ट स्कर्ट पहनना और उन्हीं कपड़ों में डांस या इशारे करना अश्लीलता नहीं है.’ बॉम्बे हाईकोर्ट ने पांच लोगों के खिलाफ दर्ज FIR रद्द करते हुए ये टिप्पणी की. पुलिस ने छोटे कपड़ों में डांस करने वाली महिलाओं को देखने और उन पर पैसे लुटाने के आरोप में 5 लोगों को गिरफ्तार किया था
जस्टिस विनय जोशी और जस्टिस वाल्मिकी सा मेनेजेस की डिवीजन बेंच आरोपियों के खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि वो वर्तमान भारतीय समाज में प्रचलित नैतिकता के सामान्य मानदंडों को ध्यान में रखती है, लेकिन अब महिलाओं के लिए छोटे कपड़े पहनना और डांस के दौरान नकली नोट दिखाना आम बात है.
अदालत ने आगे कहा,
“ शिकायत/एफआईआर में उल्लिखित कृत्य, जैसे छोटी स्कर्ट पहनना, उत्तेजक नृत्य करना या ऐसे इशारे करना जिन्हें पुलिस अधिकारी अश्लील मानते हैं, उन्हें अश्लील कृत्य नहीं कहा जा सकता है, जो किसी भी सदस्य को परेशान कर सकता है.”
कोर्ट ने आगे कहा कि हम मामले में प्रगतिशील दृष्टिकोण अपनाना पसंद करते हैं और इस तरह का निर्णय पुलिस अधिकारियों के हाथों में छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.
कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया कि इस तरह का कृत्य IPC के सेक्शन 294 के तहत अश्लीलता नहीं है.
केस के मुताबिक, नागपुर जिले के तिरखुरा के टाइगर पैराडाइज रिज़ॉर्ट और वाटर पार्क में एक बैंक्वेट हॉल में पुलिस ने छापेमारी की. छह महिलाओं को छोटे कपड़े पहने और अश्लील इशारे करते हुए उत्तेजक नृत्य करते हुए पाया गया था. पुलिस का कहना था कि कि जो वहां आए थे वो भी डांस कर रहे थे और महिलाओं पर नकली नोट लूटा रहे थे.
पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ IPC के सेक्शन 294 के तहत FIR दर्ज किया गया था. आरोपियों ने एफआईआऱ रद्द करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रूख किया.
अदालत ने कहा कि आरोपियों ने ऐसा कोई कृत्य नहीं किया है जो अश्लील हो. इसके साथ ही कोर्ट ने FIR रद्द करने का आदेश दिया.