भाजपा का घर-घर दांव, विपक्ष को गठबंधन की लॉटरी का इंतजार

बाराबंकी। वर्तमान में लोकसभा सीट पर भाजपा का परचम फहरा रहा है। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक उपेन्द्र सिंह रावत यहां से सांसद हैं। इससे पहले भाजपा की प्रदेश महामंत्री प्रियंका सिंह रावत को यहां के मतदाताओं ने मौका दिया था। भारतीय जनता पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लगातार गांव-गांव व घर-घर दस्तक दे रही है। उसका लक्ष्य पिछले चुनाव में मिले वोटों में दस प्रतिशत वृद्धि का है। वहीं, कांग्रेस, सपा व बसपा में भी बूथ स्तर तक चुनाव मजबूती से लड़ने की तैयारियां चल रही हैं। हालांकि, हाल ही में अयोध्या में रामलला के नव्य और भव्य मंदिर में विराजने के हर्ष के आगे विपक्षी दलों की तैयारियां कहीं न कहीं फीकी नजर आ रही हैं।

कार्यकर्ता गठबंधन की लॉटरी खुलने का इंतजार कर रहे हैं। बताते चलें कि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी उपेन्द्र सिंह रावत पांच लाख 35 हजार 917 मत पाकर विजयी हुए थे। वहीं सपा-बसपा गठबंधन से चुनाव लड़ने वाले रामसागर रावत को चार लाख 25 हजार 777 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया को महज एक लाख 59 हजार 611 मतों से संतोष करना पड़ा था। इस बार अभी प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई है। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि हाईकमान जिसे भी टिकट देगा, उसी के लिए पूरे तन-मन से लगेंगे। वहीं, विपक्ष की बात करें तो बसपा अब तक महागठबंधन में शामिल नहीं हुई है। ऐसे में पार्टी कार्यकर्ता एकला चलो की तर्ज पर तैयारियों में जुटे हैं। वहीं, कांग्रेस के स्थानीय नेता यह सीट पार्टी को मिलने का दावा कर रहे हैं। उनका कहना है कि सपा लोकसभा सीट पांच बार जीती है, जबकि कांग्रेस भी पांच बार जीती है। अब देखने वाली बात यह होगी कि आगामी दिनों में उसके दावे को कितना महत्व मिलता है।

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बूथ कमेटियों का हुआ गठन: अरविन्द

भाजपा जिलाध्यक्ष अरविन्द कुमार मौर्य कहते हैं कि लोकसभा चुनाव के लिए गांव चलो अभियान शुरूआत हो गई है। इसके तहत एक वरिष्ठ कार्यकर्ता 24 घंटे तक किसी गांव में प्रवास करेगा। सभी वर्ग के मतदाताओं से संपर्क करेगा। जो वोट देते हैं उनसे और जो नहीं देते उनसे भी मिलकर उनके मन में क्या है, इस बारे में भी देखेगा। लोकसभा चुनाव को लेकर बूथ कमेटियों का गठन कर लिया गया है। इसके पहले कलश यात्रा, विकसित भारत संकल्प यात्रा के जरिए गांव-गांव पहुंचा जा चुका है। लक्ष्य है कि पिछली बार जो वोट मिले थे, उसमें दस फीसद वृद्धि की जाए। राम मंदिर निर्माण से जनता के मन में यह विश्वास भी बना कि भाजपा सरकार के रहते ऐसा हो सका।
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पीडीए को मजबूत करने में जुटी सपा

सपा जिलाध्यक्ष हाफिज अयाज अहमद कहते हैं कि पीडीए पखवारा के तहत हर विधानसभा के प्रत्येक सेक्टर में 10-15 बूथ पर बैठकें हो रही है। पूरी लोकसभा में लगभग 450 बूथ है। सपा की इस सेक्टर बैठक में बूथ अध्यक्ष, जोनल प्रभारी और पार्टी पदाधिकारी मौजूद रहते है। यह बैठक 10 फरवरी तक आयोजित होती रहेंगी। समाजवादी पार्टी का प्रयास है कि समाज से जातिवाद का भेदभाव समाप्त हो और एक मंच पर पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक और सामान्य वर्ग के लोग आए और इण्डिया गठबंधन को मजबूती प्रदान करें। इस बार कोई चर्चित चेहरा पार्टी के पास है? इस पर वह कहते हैं कि विधायक गौरव रावत, पूर्व विधायक रामगोपाल रावत, जिला पंचायत सदस्य लवली रावत और गौतम रावत ही टिकट की दावेदारी कर रहे हैं।
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बसपा अकेले लड़ेगी लोस चुनाव: अजय

बसपा अयोध्या जोन प्रभारी अजय गौतम कहते हैं कि गांव चलो अभियान दो से तीन महीने तक चलाया गया। इस बार सर्वसमाज को मुख्य संगठन से जोड़ने का काम किया जा रहा है, जिससे 2007 के पहले वाली स्थिति बन सके। पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी, इसको लेकर तैयारियां की जा रही है। दावेदार कौन है? इस पर वह कहते हैं कि करीब दो-तीन लोग हैं, लेकिन अभी नाम नहीं बता सकते।
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कांग्रेस सेवादल हुआ कमजोर: मो. मोहसिन

कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोहम्मद मोहसिन का कहना है कि न्याय पंचायत स्तर पर संवाद और कार्यशाला आयोजित कर रहे है। पूरी लोकसभा में 113 न्याय पंचायतें है। इसके पहले भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाली गई थी। बूथ लेवल एजेंट बना दिए गए हैं। कांग्रेस सेवादल की बात पर वह कहते हैं कि आरएसएस के मुकाबले कांग्रेस सेवादल काफी कमजोर हुआ है। लेकिन फिर भी हमारा प्रयास है कि हम गांव-गांव जाकर पार्टी की नीतियों को बता सकें। उन्होंने कहा कि गठबंधन से सीट कांग्रेस के खाते में मिले, इसकी मांग की जा रही है। कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पूर्व सांसद डॉ. पी.एल पुनिया का परिवार ही प्रबल दावेदार है। यह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को तय करना है कि वह डॉ. पी.एल पुनिया को कांग्रेस प्रत्याशी बनाएगी या फिर उनके बेटे तनुज पुनिया को। बहरहाल, पार्टी जिसे भी लोकसभा चुनाव में उतारती है तो हम पार्टी के निर्णय का स्वागत करेंगे।

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