जीत के साक्षी को हैट्रिक लगाने के लिए बीजेपी ने पुनः बनाया लोकसभा प्रत्याशी

– साक्षी महाराज ने 2014 मे 5,18834 वोट, 2019 मे 703507 वोट से बड़ी जीत की थी दर्ज

उन्नाव। भारतीय जनता पार्टी द्वारा देर शाम को लोक सभा प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करते हुए उन्नाव से तीसरी बार वर्तमान सांसद डॉ सच्चिदानंद हरि साक्षी महाराज को अपना लोकसभा प्रत्याशी बनाया है। साक्षी महाराज ने 2014 मे 5,18834 वोट हांसिल कर बड़ी जीत दर्ज की थी वहीं 2019 मे अपना ही रिकार्ड तोड़ा और 703507 मतों से विजयी हुए। जिसके बाद पुनः बीजेपी ने जीत के साक्षी को हैट्रिक लगाने के लिए उन्नाव से लोकसभा प्रत्याशी घोषित किया है।

उन्नाव लोकसभा सीट में कुल 23,34,196 मतदाता हैं। जिसमें पुरुष वोटरों की संख्या कि 12,39,723 और महिला वोटरों की संख्या 10,94,371 है। उन्नाव लोकसभा सीट में कुल 6 विधानसभा है । सभी विधानसभा सीटें ग्रामीण क्षत्रों में आती है। उन्नाव में जातिगत समीकरण की बात की जाए तो यहां सबसे ज्यादा वोट लोधी मतदाताओं के है इसके साथ ही बड़ी संख्या में ओबीसी और मुस्लिम वोटर हैं। सभी राजनितिक दलों की नजरें इन्हीं वोटरों पर टिकी रहती हैं।
वर्तमान में उन्नाव लोकसभा सीट से साक्षी महाराज सांसद है वह लगातार दो बार से सांसद बने हुए है । हर बार इन्होंने अपना ही रिकार्ड तोड़ा और भारी मतों से विजयी घोषित हुए हैं। साक्षी महाराज 2024 मे लोकसभा चुनाव के लिए पहले से ही तीसरी बार अपने को बीजेपी का उम्मीदवार मानते हुए चुनाव की तैयारियों में जुटे थे । जिनकी उम्मीदों को पूरा करते हुए बीजेपी ने शनिवार देर शाम को उनको तीसरी बार अपना उम्मीदवार घोषित किया।

सपा की अन्नू टंडन और साक्षी महाराज की होगी टक्कर समाजवादी पार्टी द्वारा अन्नू टंडन को उन्नाव से लोकसभा प्रत्याशी बनाये जाने के बाद शनिवार को बीजेपी द्वारा जारी लिस्ट मे मौजूदा सांसद साक्षी महाराज को तीसरी बार अपना प्रत्याशी घोषित किया है। अगर साक्षी महाराज तीसरी बार सांसद बने तो वह जीत की हैट्रिक लगाएंगे। वहीं सपा की उम्मीदवार अनु टंडन साक्षी महाराज की हैट्रिक न लगने पाए इसके लिए कड़ी मेहनत करती चली आ रही हैं। अनु टंडन को भरोसा है कि जिले की जनता उन्हें इस बार जरूर मौका देगी और उन्हें अपना सांसद चुनेगी।

उन्नाव सीट: कब और कौन सांसद बना
1952 विश्वंभर दयाल त्रिपाठी (कांग्रेस)
1957 विश्वंभर दयाल त्रिपाठी (कांग्रेस)
1960 उप चुनाव लीलाधर अस्थाना (कांग्रेस)
1962 कृष्ण देव त्रिपाठी (कांग्रेस)
1967 कृष्ण देव त्रिपाठी (कांग्रेस)
1971 जियाउर रहमान अंसारी (कांग्रेस)
1977 राघवेंद्र सिंह (जनता पार्टी)
1980 जियाउर रहमान अंसारी (कांग्रेस
1984 जियाउर रहमान अंसारी (कांग्रेस
1989 अनवार अहमद (जनता दल)
1991 देवीबख्स सिंह (बीजेपी)
1996 देवीबख्स सिंह (बीजेपी)
1998 देवीबख्स सिंह (बीजेपी)
1999 दीपक कुमार (सपा)
2004 ब्रजेश पाठक (बीएसपी)
2009 अनु टंडन (कांग्रेस)
2014 साक्षी महराज (बीजेपी)
2019 साक्षी महराज (बीजेपी)

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