भाजपा ने गुजवि को बनाया राजनीतिक अखाड़ा: योगेश सिहाग

हिसार। भाजपा ने हिसार के गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय को अपनी राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बना लिया है। भाजपा के कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर विश्वविद्यालय के नियमों की खुलकर उल्लंघना की गई है।

कांग्रेस के जिला प्रवक्ता एडवोकेट योगेश सिहाग ने बुधवार को कांग्रेस भवन में पत्रकार वार्ता करते हुए बताया कि भाजपा पिछले कई वर्षों से गुजवि को अपनी राजनीतिक गतिविधियों के लिए खुलकर उपयोग कर रही है। आरटीआई से मिली जानकारी से पता चला है कि पिछले तीन वर्षों में भाजपा ने गुजवि को जिस प्रकार से अपने राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए खुलकर उपयोग किया है, उससे साफ है कि उसने विश्वविद्यालय को अपना राजनीतिक अखाड़ा बनाने से कोई परहेज नहीं किया।

एडवोकेट योगेश सिहाग ने बताया कि विश्वविद्यालय के नियमों के खिलाफ जाकर भाजपा को राजनीतिक कार्यक्रम करने की छूट दी जा रही है। इसको लेकर उन्होंने गुजवि में 31 जुलाई को गुजवि में एक आरटीआई लगाई और उसमें विश्वविद्यालय में राजनीतिक पार्टियों के कार्यक्रमों के आयोजन के बारे में तथा इसको लेकर विश्वविद्यालय के नियमों के बारे में जानकारी मांगी गई। इसके साथ ही यह भी जानकारी मांगी गई कि विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम के उपयोग के लिए कितनी राशि तय है, भाजपा के कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर कितनी राशि दी गई है और कितनी बार बिना कोई फीस दिए कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।

आरटीआई से जो जानकारी दी गई, उससे साफ हो गया कि गुजवि में किसी भी राजनीतिक दल को कार्यक्रम करने की इजाजत नहीं है। इसके बावजूद भाजपा ने प्रशिक्षण शिविर, पन्ना प्रमुख सम्मेलन, बैठक व कई अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया है। यही नहीं कई बार तो आयोजन के लिए राशि भी जमा नहीं करवाई गई।

कांग्रेस जिला प्रवक्ता ने कहा कि आरटीआई से खुलासा हो गया है कि बीजेपी किस तरह से सत्ता का दुरुपयोग कर विश्वविद्यालय को अपने राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए उपयोग कर रही है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में राजनीतिक कार्यक्रमों के आयोजन के चलते पढ़ाई का माहौल खराब होता है और विद्यार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। मुख्यमंत्री या अन्य बड़े मंत्री आने पर सुरक्षा के नाम पर विद्यार्थियों को बंधक बना दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि यदि भाजपा ने विश्वविद्यालय परिसर का दुरूपयोग इसी प्रकार जारी रखा तो कांग्रेस व एनएसयूआई इसको लेकर आवाज उठाएगी और अदालत में इसको लेकर याचिका दायर की जाएगी।

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