*अंगवस्त्र, कलम, नोट पैड देकर सपाइयों ने किया सम्मान, पत्रकारों को दी शुभकामनाए
भारत के स्वतंत्र और स्वतंत्र प्रेस के महत्व को प्रत्येक वर्ष उजागर करने हेतु 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है, भारतीय प्रेस परिषद एक स्वतंत्र कार्य करने वाली संस्था है, भारत को लोकतंत्र बनाने में इसके योगदान का सम्मान करने के लिए भी प्रेस दिवस मनाया जाता है।
जहां मीडिया को देश का चौथा स्तंभ माना जाता है वही प्रिंट एवम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कार्य करने वाले पत्रकार दर्पण के रूप में कार्य करते है, जिनकी रिपोर्ट और कहानियां समाज के विभिन्न पहलुओं को पूरी सच्चाई के साथ दर्शाती है, राजनीतिक परिदृश्य में भी प्रेस के महत्व को कम नहीं आंका जा सकता, कलमकार का एक एक शब्द ही राजनीति के स्वच्छ कदमों का निर्धारण भी करता है।
बात राजनीति की आयी है तो राजनीतिक दलों का विश्लेषण करना भी आवश्यक हो जाता है, जहां एक तरफ “प्रेस आमंत्रण” के माध्यम से तमाम राजनीतिक दल अपनी खबरों का प्रचार प्रसार कराते है, लेकिन पत्रकारों के विशेष दिन यथा पत्रकारिता दिवस/राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर इन्ही राजनेताओं के सांप सूंघ जाता है, जनपद में अगर तुलनात्मक अध्यन किया जाए तो पत्रकारों के सम्मान को लेकर सपाई हर समय तत्पर रहते है, एक समय हुआ करता था जब सपा के कार्यक्रमों में पत्रकारों को कुर्सी नसीब नही होती थी, लेकिन जनपद में सपा के कर्तव्यनिष्ठ कार्यकर्ताओं ने न सिर्फ इस परिपाटी को बदला बल्कि नगर पालिका अध्यक्ष शीला सिंह के शपथ ग्रहण समारोह में इसकी झलक भी देखने को मिली जब सपा मीडिया प्रभारी/जिला प्रवक्ता वीरेंद्र प्रधान पत्रकारों के लिए कुर्सियां लेकर दौड़ते रहे।
यह बात तो उस दल की हुई जो विगत कई वर्षों से सत्ता में नही है, बात उनकी भी कर ले जो कई वर्षो से न सिर्फ सत्ता में है बल्कि सैकड़ो कार्यक्रमों के हजारों प्रेस विज्ञप्तियां भेज कर अग्रिम दिवस अखबारों की कटिंग को आलाकमान को भेज देते है और छपास रोग से ग्रसित तमाम भाजपाई स्वत: की पीठ थपथपा लेते है, लेकिन उन खबर नवीसों को उनके समर्पित दिवस पर बधाई तक देना भूल जाते है सम्मान करना तो बहुत दूर की बात है।
वरिष्ठ पत्रकारों, पत्रकारों ने आपसी चर्चाओं में तमाम बाते कही, जिनमे से प्रमुख बात यह रही कि सत्ता दल की मीडिया प्रभारी से लेकर किसी पदाधिकारी ने व्हाट्सएप ग्रुप/मीडिया ग्रुप में भी बधाई संदेश देना उचित नही समझा हालांकि भाजपा जिलाध्यक्ष अरविंद मौर्य ने सोशल मीडिया मंच फेसबुक के माध्यम से जरूर शुभकामनाए दी।
तुलनातक विश्लेषण में बाजी हमेशा सपा मारती है, सत्तासीन भाजपा, कांग्रेस, आप और अन्य तमाम दल, सैकड़ो संगठन भी इस दिन फिसड्डी नज़र आते है, वरिष्ठ पत्रकारों बाबा ने कहा पत्रकारों का असली गहना उनका सम्मान ही है, वरिष्ठ पत्रकार अतहर ने कहा कि तमाम राजनीतिक दलों के प्रत्यक्ष प्रभाव के सामने यदि कोई खड़ा होता है वह सिर्फ पत्रकार ही है, चंद्रकांत मौर्य ने कहा कि सम्मान की कोई कीमत नहीं होती है लेकिन हर पत्रकार के लिए राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस अथवा हिंदी पत्रकारिता दिवस अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, वही इस मामले पर शुभ मंगलदीप त्रिवेदी ने कहा कि जब भाजपा के तमाम बड़े-बड़े नेता ही पत्रकार दिवस पर बधाई देना भूल जाते हैं तो इस जिले के भाजपाइयों से क्या ही अपेक्षा की जाए, वही कृष्ण कुमार द्विवेदी राजू भैया ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता सर्वोपरि है जब आज पत्रकार सुरक्षित महसूस कर रहे हैं ऐसी दशा में भी पत्रकारों के हित में सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है तो पत्रकारों को बधाई देकर भी उनका आत्मसम्मान तो बढ़ा ही सकती है।
सपा कार्यालय पर सफाईयों ने पत्रकारों के लिए राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया इसमें में जनपद के तमाम प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों को सम्मानित किया गया इस दौरान जिला प्रवक्ता वीरेंद्र प्रधान ,प्रीतम सिंह वर्मा, हिमांशु यादव,मो० आफाक, विजय यादव, दीपक गुप्ता, कामता प्रसाद, राजकुमार वर्मा अन्य सपाई मौजूद रहे।