जिम्मेदारों की मिली भगत से रामनगर तहसील में भूमाफियाओं का बोलबाला

  • सवालों के घेरे में, जिम्मेदारों की संलिप्तता

बाराबंकी। तहसील रामनगर अंतर्गत भूमाफियाओं के बोलबाले की चर्चाओ का बाजार गर्म है। आरोप है कि जिम्मेदारों के संरक्षण में इन्हे फलने फूलने का अवसर मिल रहा है। जानकारी के मुताबिक रामनगर खास,चांदामऊ,लैन,भिटौली व करमुल्लापुर सहित लगभग आधा दर्जन राजस्व गावों में सरकारी भूमि पर भूमाफियाओं का बड़े पैमाने पर कब्ज़ा है। आरोप है कि जीविकोपार्जन के लिए मिली भूमि का भी जिम्मेदारों के रहमोकरम से परमीशन होकर बिक्री कर दी गई। जिससे लोग फिर से भूमिहीन होकर पट्टे की राह ताक रहे है। वहीं नाम न छापने की शर्त पर कुछ लोगों ने बताया कि भूमाफियाओं ने जिम्मेदारों से सांठगांठ कर खतौनी पर अपना नाम दर्ज करा लिया। लेकिन यह कैसे संभव हुआ, यह अभिलेखीय जांच का विषय है।

कागज़ों तक सीमित बेदखली का आदेश, मौके की स्थिति जस की तस
लोगों का कहना है कि तहसील कर्मियों द्वारा 67(१) के तहत की गई बेदखली की कार्यवाही खानापूर्ति मात्र है। जिससे जनमानस में आक्रोश व्याप्त है। साथ ही लोगों का का कहना है कि सम्बन्धित को खुश करने में असमर्थ नाम मात्र के खिलाफ ही कार्यवाही होती है। सिस्टम में आने पर मामला ठंडे बस्ते में पहुंच जाता है।

पहले आदेश फिर बाजदायर का हो रहा खेल
यदि कोरम पूरा करने के लिए बेदखली आदेश, राजस्व वसूली का होता भी है तो बाजदायर लेकर स्थगन देकर राहत की दवा भी ज़िम्मेदार देने से नही चूकते, जिसके सापेक्ष सरकार के राजस्व की बडी चपत लग रही है। आखिर किसके संरक्षण मे तराई क्षेत्र में हजारों बीघे सरकारी भूमि पर भूमाफियाओं द्वारा लाखों के राजस्व की चपत लगाने में जुटे है। लेकिन इनके खिलाफ कोई भी जिम्मेदार वैधानिक कार्यवाही करने की हिम्मत नही जुटा पा रहा है।

क्या बोले जिलाधिकारी
जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। जिसकी जांच कराकर दोषी पर कार्यवाही की जाएगी।

Related Articles

Back to top button