डिमांड बढ़ने से मिठाईयों में भी बढी मिलावट
उन्नाव। होली का त्यौहार नजदीक है, जाहिर है घर पर गुझिया, मिठाइयां और तमाम सारे पकवान बनने की तैयारियां शुरू हो गई होंगी। मिठाइयां हो या फिर मावा बाजारों में इसकी डिमांड अचानक से त्यौहार आते ही बढ़ जाती है। यही वजह है कि दुकानदार मिठाइयों को बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मावे में मिलावट कर अपने मुनाफे को डबल करने की जद्दोजहद में जुट जाते हैं। होली पर्व के आते ही बाजार में चारों तरफ मिठाइयों की खुशबू फैलने लगी है। गुझिया से लेकर बर्फी तक हर तरह की मिठाइयां दुकान में सजी दिख रही हैं और लोग भी इन्हें खूब खरीद रहे हैं। लेकिन डिमांड बढ़ जाने की वजह से मिठाइयों में मिलावट भी बढ़ गई है जो सेहत के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। प्रशासन के लाख प्रयासों के बाद भी होली पर्व पर खाद्य पदार्थों में मिलावट की आशंका से मुक्ति नहीं मिल पा रही है। बाजार में जहां मिलावटी खोए की उपलब्धता को लेकर लोग परेशान हैं। वहीं त्योहार पर मेहमानों के सामने कढ़ाई पर तल कर सजाई जाने वाली सामग्री में भी हानिकारक रंगों के इस्तेमाल की संभावना के मद्देनजर महिलाएं घरों में ही पापड़ आदि तैयार कर रही हैं।
हालांकि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के चलते त्योहार के दस्तक देते ही लोगों को शुद्ध खाद्य पदार्थ खासकर खोए का इंतजाम करना टेढ़ी खीर दिखने लगा है। आमधारणा है कि बाजार में बिकने वाला खोया न सिर्फ मिल्क पाउडर से तैयार किया जाता है, बल्कि शकरकंद सहित सिंथेटिक पदार्थ मिलाकर खोया तैयार करने का दावा भी बहुतायत लोग करते हैं।
मिलावटी खोया सेहत पर डालता है बुरा असर
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक मिलावटी चीजों को खाने से सेहत को कई तरह के गंभीर नुकसान हो सकते हैं. इसका सीधा असर आपके लीवर, किडनी, पेट और दिल पर पड़ने के साथ-साथ बुखार आना, सिर दर्द होना और शरीर टूटने जैसी समस्याएं भी पैदा कर सकता है।
जांच को लिए गए दूध के नमूने
सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा मंजूषा सिंह ने बताया कि विभागीय आयुक्त के निर्देश पर होली पर्व पर जनमानस को शुद्ध खाद्य व पेय पदार्थ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डीएम के मार्ग दर्शन में विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत गदनखेड़ा बाईपास से मिश्रित दूध का एक नमूना लिया गया।
इसी तरह बीघापुर स्थित बारा हरदो बाजार में मिश्रित व इसी तहसील क्षेत्र के भगवंतनगर कस्बे से मिश्रित दूध का भी एक-एक नमूना जांच के लिए लिया गया। वहीं शुक्लागंज शहर के राजधानी मार्ग से भी दूध का नमूना जांच के लिए लिया गया।