बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजनान्तर्गत समस्त नगरीय एव ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कन्या जन्मोत्सव कार्यक्रम आयोजित

योजना का उद्देश्य है कन्या भ्रूण हत्या को रोकना तथा बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देना

जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार के निर्देश पर जिला प्रोबेशन अधिकारी के नेतृत्व में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजनान्तर्गत समस्त नगरीय एव ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कन्या जन्मोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की एक फलैगशिप योजना है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना का संदेश प्रबलता से प्रसारित करने एवं बालिकाओं के प्रति मानसिकता में सकारात्मक परिवर्तन के लिए गतिविधियों का सघन संचालन अत्यन्त उपयोगी होता है। योजनांतर्गत प्रत्येक माह के प्रथम सोमवार एवं तृतीय सोमवार कन्या जन्मोत्सव आयोजित किया जाता है, जिसका उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या को रोकना तथा बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देना है। इसके अतिरिक्त महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित यथा – निराश्रित महिला पेन्शन, (कोविड/सामान्य)उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, स्पाॅन्सरशिप, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला आदि योजनाओं की जानकारी दी गयी।

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना मुख्यमंत्री की शीर्ष प्राथमिक की योजनाओ में से एक है, इसकी नियमित समीक्षा जिलाधिकारी द्वारा की जाती है। योजना का उद्देश्य बालिकाओं की शिक्षा, स्वाथ्य एवं उनके भविष्य को सुरक्षा प्रदान करना है, जनपद के प्रत्येक ग्रामीण एवं नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर आशा,एएनएम व आगनवाड़ी कार्यकत्रियों को क्षमता संवर्धन प्रशिक्षण प्रदान किया गया, ताकि सम्बन्धित ग्राम पंचायत की एक भी पात्र बालिका (कन्या)मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से वंचित न रह जायें योजना से वंचित न रह जाये। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्र्तगत बालिकाओ को छः श्रेणियो में प्रथम श्रेणी में (बालिका के जन्म होने पर रु0 दो हजार एक मुश्त), द्वितीय श्रेणी (बालिका के एक वर्ष तक के पूर्ण टीकाकरण के उपरान्त रु0 एक हजार एकमुश्त), तृतीय श्रेणी (कक्षा प्रथम में बालिका के प्रवेश के उपरान्त रु0 दो हजार एक मुश्त), चतुर्थ श्रेणी (कक्षा छः में बालिका के प्रवेश के उपरान्त रु0 दो हजार एकमुश्त), पंचम श्रेणी (कक्षा नौ में बालिका के प्रवेश के उपरान्त रु0 तीन हजार एकमुश्त), षष्टम श्रेणी (ऐसी बालिकाये जिन्होनें कक्षा 12वीं उत्तीर्ण करके स्नातक अथवा 02 वर्षीय या अधिक अवधि के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लिया हो रु0 पांच हजार एक मुश्त) में लाभान्वित किये जाने का प्रविधान है।

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